02 अगस्त 2016

मृत्यु के बाद जीवात्मा की गति

ग्यारहवें द्वार से जीव जब जाईं । अमरलोक तब वासा पाईं ।
दशम द्वार से जीव जो जावैं । स्वर्ग लोक में वासा पावैं ।
श्रवण द्वार जीव जो चाला । प्रेत देहि पावै तत्काला ।
नेत्र द्वारि जीव जों निकसें । माखी आदि कीट तन बिकसें ।
नासिका मारग जीव जो जाहीं । अण्डज खानी वासा पाहीं ।
मुख द्वारे से जीव जो जाया । अन्न खानी में वासा पाया ।
मूत्र द्वार जीव जब जाई । जलचर योनि गति उन पाई ।
गुदा द्वार जब जीव निकासी । बहुकालैं तक नरक कौ वासी ।

कोई टिप्पणी नहीं:

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
सत्यसाहिब जी सहजसमाधि, राजयोग की प्रतिष्ठित संस्था सहज समाधि आश्रम बसेरा कालोनी, छटीकरा, वृन्दावन (उ. प्र) वाटस एप्प 82185 31326