अब क्या लिखूँ । सब कुछ बेमानी सा, उजाङ सा लगने लगा है । मेरे साथ समस्या यह है कि विशाल परिवर्तन की श्रंखला में बहुत कुछ मुझे नजर सा आता है । और उन सभी के संकेत भी मैं कई लेखों में दे चुका हूँ । यद्यपि मैंने स्पष्ट कहा था - इन संकेतों को मेरी भविष्यवाणी जैसा नाम देना कतई गलत होगा । क्योंकि इनके न होने पर मुझे कोई ग्लानि नहीं होगी । और पूर्णतः हो जाने पर खुद की बात सत्य होने जैसा कोई गर्व महसूस नहीं होगा । और न ही मैं इनके प्रति किसी प्रकार का जबाबदेह हूँ । लेकिन ये संकेत मेरे लिये उन अनुभवों के समान हैं । जो कई जीवन में एकाध बार ही घटित होते हैं । क्योंकि इनका सम्बन्ध प्राकृत प्रलय से है । और ऐसा अक्सर नहीं होता । प्रथमदृष्टया ये संकेत मैंने चार पाँच लोगों के साथ साझा किये थे । ताकि बाद में इनकी सत्यता, इनका क्या रहस्य आदि मिलान किया जा सके । कुछ दुर्लभ वैज्ञानिक सूत्रों, समीकरण के संकेत भी उनके विज्ञान समेत आये । जिनमें गामा किरण की प्रथ्वी और सागर तल में खास हस्तक्षेप, तरंग दधर्य की अनुप्रस्थ काट होना, रिक्टर स्केल किस प्रकार असामान्य स्थिति को जायेगा, केन्द्र के घूर्णन में दबाब, ध्रुवों का विपरीत प्रभाव पैदा करना, प्रथ्वी के आधे भाग में कई दिनों तक घटाटोप अंधेरे की स्थिति बनना आदि आदि कई संकेत हैं, थे । दिक्कत यह हुयी कि मुझे इस समय अज्ञात पक्ष, गूढ नियम के अंतर्गत न बताने योग्य, शारीरिक रूप से बहुत परेशानी है । अतः मैं इनको लिख नहीं पाया । और मेरे दो सहयोगियों ने इसको अपने अलग अलग कम्प्यूटर तथा कापी पर लिखा । अतः कई महत्वपूर्ण संकेत इधर उधर हो गये । दूसरे हमारी बातचीत के महत्वपूर्ण और विषय का स्पष्टीकरण करते बिन्दु भी उन्होंने नोट नहीं किये । अन्यथा एक लगभग स्पष्ट दृश्य बनता था ।
खैर..जैसा मैंने कहा । मेरे आभासी संकेतों में कृमशः प्रथ्वी ( थल ) समुद्र, पानी का बेहद प्रदूषित हो जाना ( जल ) आकाश ( नाक्षत्रिक, तरंगे आदि ) वायु ( विकरण, हानिकारक गैसीय प्रदूषण ) अग्नि ( ज्वालामुखी, विभिन्न कारणों से अग्नि प्रकोप, परमाणु रियेक्टर आदि से संकट, आसमानी अग्नि, बिजली आदि से आपदा ) ये सभी थे । इसके बाद नयी अज्ञात असाध्य बीमारियां आदि भी ।
क्या आपको पता है । पिछले सामान्य रिकार्ड से हटकर ये सभी कुछ असामान्य स्तर की तरफ़ कृमशः बढता हुआ घटित होने लगा । जैसा कि मुझे लगता है । ये सब कुछ बेहद लयात्मक ढंग से हाहाकारी होते हुये भी किसी डरावने मगर शान्त संगीत सा घटित होगा । मतलब हमारे सारे उपाय सारी शक्तियां अप्रभावी होंगी । एक मूकदर्शक की तरह ही इसे देखा जा सकेगा । हालांकि अभी मैं स्पष्ट नहीं हूँ । पर ये सब आगामी वर्ष के अगस्त तक बचे हुये लोगों को एक ऐसा विकट परिवर्तन दिखा सकता है । जो शताब्दियों या सहस्त्राब्दियों में देखने में आता है । क्योंकि मेरा सम्बन्ध भारत से है । अतः बहुत लोग भारत पर क्या और कितना प्रभाव ? के बारे में पूछते हैं । पर मुझे मंसूर के गुरु जुनैद की बात याद आती हैं । जिसमें उन्होंने सामने जाती मौत से पूछा । तो उसने कहाँ - सामने के गाँव से हजार लोगों को लेने जा रही हूँ । मगर दस हजार मर गये । गुरु ने सोचा । मौत भी झूठ बोलने लगी । दोबारा सामना होने पर उन्होंने झूठ का कारण पूछा । तो मौत बोली - झूठ जैसा कुछ नहीं है । मैंने तो सिर्फ़ हजार लोग ही मारे । बाकी नौ हजार तो भय से मर गये । और ऐसे भय से क्या लाभ ?
विश्वास न हो । तो यहाँ देखा करो ।
http://www.emsc-csem.org/Earthquake/
http://www.emsc-csem.org/Earthquake/significant_earthquakes.php
http://www.accuweather.com/en/us/united-states-weather
http://endtimeheadlines.wordpress.com/2013/12/07/gale-force-winds-batter-europe-as-thousands-in-u-k-face-more-flooding/
http://www.dailymail.co.uk/news/article-2519364/Death-toll-rises-Americas-big-freeze-Tens-thousands-warned-power-weeks-ice-storms-bring-cables.html
It's not bad. It's change. Life is dynamic and never stays the same for a second. What is static, in nature, is dead. It's how we react to this change that defines us. Change challenges humans to evolve, and innovate- and the world becomes a better place as a result. Look how the 2011 9.0 magnitude earthquake pushed Japan into the field of clean energy- solar power.
http://www.sott.net/article/269762-4-5-magnitude-earthquake-shakes-Oklahoma-rattling-nerves
http://www.youtube.com/watch?v=-N4-QxLV2gQ
http://www.telegraph.co.uk/news/worldnews/antarctica/10470887/Singapore-sized-iceberg-breaks-off-in-Antarctica.html
http://www.youtube.com/watch?v=1YJf1ih36fo
http://www.cbsnews.com/news/arctic-sea-ice-larger-than-us-melted-this-year/
https://www.facebook.com/pages/The-Extinction-Protocol/151489344873301
खैर..जैसा मैंने कहा । मेरे आभासी संकेतों में कृमशः प्रथ्वी ( थल ) समुद्र, पानी का बेहद प्रदूषित हो जाना ( जल ) आकाश ( नाक्षत्रिक, तरंगे आदि ) वायु ( विकरण, हानिकारक गैसीय प्रदूषण ) अग्नि ( ज्वालामुखी, विभिन्न कारणों से अग्नि प्रकोप, परमाणु रियेक्टर आदि से संकट, आसमानी अग्नि, बिजली आदि से आपदा ) ये सभी थे । इसके बाद नयी अज्ञात असाध्य बीमारियां आदि भी ।
क्या आपको पता है । पिछले सामान्य रिकार्ड से हटकर ये सभी कुछ असामान्य स्तर की तरफ़ कृमशः बढता हुआ घटित होने लगा । जैसा कि मुझे लगता है । ये सब कुछ बेहद लयात्मक ढंग से हाहाकारी होते हुये भी किसी डरावने मगर शान्त संगीत सा घटित होगा । मतलब हमारे सारे उपाय सारी शक्तियां अप्रभावी होंगी । एक मूकदर्शक की तरह ही इसे देखा जा सकेगा । हालांकि अभी मैं स्पष्ट नहीं हूँ । पर ये सब आगामी वर्ष के अगस्त तक बचे हुये लोगों को एक ऐसा विकट परिवर्तन दिखा सकता है । जो शताब्दियों या सहस्त्राब्दियों में देखने में आता है । क्योंकि मेरा सम्बन्ध भारत से है । अतः बहुत लोग भारत पर क्या और कितना प्रभाव ? के बारे में पूछते हैं । पर मुझे मंसूर के गुरु जुनैद की बात याद आती हैं । जिसमें उन्होंने सामने जाती मौत से पूछा । तो उसने कहाँ - सामने के गाँव से हजार लोगों को लेने जा रही हूँ । मगर दस हजार मर गये । गुरु ने सोचा । मौत भी झूठ बोलने लगी । दोबारा सामना होने पर उन्होंने झूठ का कारण पूछा । तो मौत बोली - झूठ जैसा कुछ नहीं है । मैंने तो सिर्फ़ हजार लोग ही मारे । बाकी नौ हजार तो भय से मर गये । और ऐसे भय से क्या लाभ ?
विश्वास न हो । तो यहाँ देखा करो ।
http://www.emsc-csem.org/Earthquake/
http://www.emsc-csem.org/Earthquake/significant_earthquakes.php
http://www.accuweather.com/en/us/united-states-weather
http://endtimeheadlines.wordpress.com/2013/12/07/gale-force-winds-batter-europe-as-thousands-in-u-k-face-more-flooding/
http://www.dailymail.co.uk/news/article-2519364/Death-toll-rises-Americas-big-freeze-Tens-thousands-warned-power-weeks-ice-storms-bring-cables.html
It's not bad. It's change. Life is dynamic and never stays the same for a second. What is static, in nature, is dead. It's how we react to this change that defines us. Change challenges humans to evolve, and innovate- and the world becomes a better place as a result. Look how the 2011 9.0 magnitude earthquake pushed Japan into the field of clean energy- solar power.
http://www.sott.net/article/269762-4-5-magnitude-earthquake-shakes-Oklahoma-rattling-nerves
http://www.youtube.com/watch?v=-N4-QxLV2gQ
http://www.telegraph.co.uk/news/worldnews/antarctica/10470887/Singapore-sized-iceberg-breaks-off-in-Antarctica.html
http://www.youtube.com/watch?v=1YJf1ih36fo
http://www.cbsnews.com/news/arctic-sea-ice-larger-than-us-melted-this-year/
https://www.facebook.com/pages/The-Extinction-Protocol/151489344873301