उपन्यास का वह अंश देखने के लिये यहाँ क्लिक करें - खंजन नयन’
सूरदास की इस भविष्यवाणी को स्पष्ट करने में सहायता करें ।
----------
#एक सहस्र नौ सौ के ऊपर ऐसो योग परे ।
#शुक्ला जयनाम सवंत्सर, #छट #सोमवार परे ।
#हलधर पूत #पवार धर उपजे, #देहरी क्षत्र धरे ।
#सौ पे शुन्न शुन्न (शून्य) के भीतर, आगे योग परे । (1000)
#संवत दो हजार के ऊपर छप्पन वर्ष चढ़े ।
#माघ मास संवत्सर व्यापे, #सावन ग्रहण परे ।
उड़ि विमान अम्बर में जावे, गृह गृह युद्ध करे ।
#मारूत विष फैंके जग माहिं, परजा बहुत मरे ।
द्वादस कोस शिखा हो जाकी, #कंठ सूं तेज भरे । (द्वादस कोस शिखा = 36 किमी)
#सहस्र वर्ष लगि सतयुग व्यापै, सुख की दशा फिरे
-------------
रे मन धीरज क्यों न धरे ।
#एक सहस्र नौ सौ के ऊपर ऐसो योग परे ।
#शुक्ला जयनाम सवंत्सर, #छट #सोमवार परे ।
#हलधर पूत #पवार धर उपजे, #देहरी क्षत्र धरे ।
मलेच्छ राज्य की सगरी सेना, आप ही आप मरे ।
सूर सबहि अनहोनी होइहै, जग में अकाल परे ।
हिंदू मुगल तुरक सब नाशै, कीट पतंग जरे ।
#सौ पे शुन्न शुन्न (शून्य) के भीतर, आगे योग परे । (1000 )
मेघनाद रावण का बेटा, सो पुनि जन्म धरे ।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्खिन, चहुँ दिशि राज करे ।
अकाल मृत्यु जग माहीं ब्यापै, परजा बहुत मरे ।
दुष्ट दुष्ट को ऐसा काटे, जैसे कीट जरे ।
#एक सहस्र नौ सौ के ऊपर, ऐसा योग परे ।
सहस्र वर्ष लों सतयुग बीते, धर्म की बेल बढ़े । (1000 वर्ष का सतयुग)
स्वर्ण फूल पृथ्वी पर फूले, पुनि जग दशा फिरे ।
सूरदास यह हरि की लीला, टारे नाहिं टरे ।
#संवत दो हजार के ऊपर छप्पन वर्ष चढ़े ।
#माघ मास संवत्सर व्यापे, #सावन ग्रहण परे ।
उड़ि विमान अम्बर में जावे, गृह गृह युद्ध करे ।
#मारूत विष फैंके जग माहिं, परजा बहुत मरे ।
द्वादस कोस शिखा हो जाकी, #कंठ सूं तेज भरे । (द्वादस कोस शिखा = 36 किमी)
सूरदास होनी सो होई, काहे को सोच करे ।
संवत दो हजार के ऊपर छप्पन वर्ष चढ़े ।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण, चहुं दिस काल फिरे ।
अकाल मृत्यु जग माहिं व्यापै, परजा बहुत मरे ।
#सहस्र वर्ष लगि सतयुग व्यापै, सुख की दशा फिरे
स्वर्ण फूल बन पृथ्वी फूले, धर्म की बेल बढ़े ।
काल ब्याल से वही बचे, जो गुरू का ध्यान धरे ।
सूरदास हरि की यह लीला, टारे नाहिं टरे ।
-------------
- अभी विक्रम संवत 2073 (2016) और शक संवत 1938 (2016) है ।
शक संवत में 57-58 साल घटाये जायेंगे और विक्रम संवत में 57-58 साल जोङे जायेंगे ।
2014 से 2015 में हिन्दी वर्ष अनुसार यानी चैत्र से जयनाम संवत्सर था ।
21 मार्च 2015 शनिवार से नया मन्मथ संवत्सर प्रारंभ हुआ ।
-----------
अन्य भविष्यवाणियां -
जब आवे संवत बीसा, तो मुस्लिम रहे न ईसा । गुरुनानक (पंजाबी कहावत)
- बीसवीं सदी में मुसलमान और ईसाइयों में ऐसा भयंकर युद्ध होगा कि दोनों की बर्बादी हो जायगी ।
----------
विजयाभिनन्दन बुद्धजी, और निष्कलंक इत आय ।
मुक्ति देसी सबन को, मेट सबै असुराय ।
एक सृष्टि धनी भजन एकै, एक ज्ञान, एक आहार ।
छोड बैर मिलै सब प्यार सों, भया जगत में जै जैकार ।
कहा जमाना आबसी झूठा और नुकसान ।
यार असहाब होसी कतल, तलवार उठसी सब जहान ।
अक्षर के दो चश्मे, नहासी नूसर नजर ।
बीस सौ बरसें कायम होसी, बैराट सचराचर ? योगी प्राणनाथ (महाराज छत्रसाल के गुरु)
- 20वीं शताब्दी में जब युग परिवर्तन का कार्य पूर्ण होगा और 1 विराट (विश्वव्यापी) दैवी विधान समस्त देशों में व्याप्त होगा तब विभिन्न मतमतान्तरों की द्विविधा मिट कर सब लोगों में 1 ही परब्रह्म, 1 ही उपासना, 1 सी मान्यतायें, रहन सहन, खानपान में एकता होगी । उस समय आपस की फूट, बैर का अन्त हो जायगा । सब सदभाव पूर्वक रहते हुये दैवी जीवन व्यतीत करेंगे ।
-----------
बहुमत तियमत बालमत, बिन नरेश को राज ।
सुख सम्पदा की कौन कहे, प्राण बचे बड़ भाग ।
17 टिप्पणियां:
https://www.youtube.com/watch?v=qyAZB9ry9Yc
Ye sbhi satguru rampal ji mharaj ke bare me h bhivsyavani
Sadguru Rampal maharaj ji ke sanidhya men ek naye yug ka nirman hoga
सटीक भविष्यवाणी
Sadguru rampal ji maharaja ki jai ho
मूर्ख हो तुम
जो आत्म ज्ञान का गुरु होगा वहीं सच्चा गुरु होगा जैसे श्री वेयंतानंद पुरी और भी आत्म ज्ञान गुरु हो सकते हैं
गधा रामपाल जेल मे क्या कर रहा हे
Any man ke adhar par hain
वेदांतवेत्ता सरीला 'प्रभुपाद '
सम्वत 1900(1842, 1857 के आसपास) में लाखों हिन्दू मुस्लिम मारे गए थे।
मूर्खों
वह व्यक्ति योगी आदित्यनाथ है जो भारत को मोदी जी से भी आगे ले जायेगें।अगला प्रधानमंत्री वही होने वाले है।
Jo praja praja me antar kare wo Raja vinash ka karan jarur ban skta hai kintu desh ko aage kadaapi nahi le sakta. Divya purush ka janm to ho chuka hai lekin uska abhi saamne aane ka samay nahi aaya kyonki itni gandi rajniti ke samay kon use aage laaye. samay aisa ayega use khud bakhud desh ki satta milegi
संत रामपाल से पहले के संत सूरदास जी थे,,सत्यता को झुठला नहीं सकता कोई।
जयश्रीराम
Savior of world Saint Rampal ji Maharaj.
The great CHYREN selin of Nostradamus has come on earth as Saint Rampal Ji Maharaj.
जब इन्सान की आयु बीस वर्ष की होने लगेगी तब कलयुग का अन्त समय होगा जा पर जाकर सत्य सनेहू ताहि मिले नही कछु संदेहू
ये bhavishyvani sant Rampal Ji Maharaj ji ke bare mein ki gai hai और उन्हें पर खड़ी उतरती है
एक टिप्पणी भेजें