चर्च में फ़ादर के साथ क्रिश्चियनिटी और हिंदुत्व पर धार्मिक बहस - क्रिश्चियनिटी के गाल पर हिंदुत्व का थप्पङ ।
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अभी कुछ महीने पहले ही नई यूनिट में ट्रांसफर होकर आया हूँ । चूंकि पिछली यूनिट में कई लोगों ने मेरी छवि एक सांप्रदायिक कट्टर हिन्दू की बना दी थी और कुछ लोगों ने मुझे इस्लाम और क्रिश्चियनिटी विरोधी बता दिया था ।
सो इस यूनिट में मैं काफ़ी शाँत रहता था । किसी भी धर्म पर मैं कोई भी बात नही करता था ।
मेरे साथ एक सीनियर हैं । जो 4 साल पहले हिंदू से क्रिश्चियन में कन्वर्ट हुए हैं । वो दिन रात क्रिश्चियनिटी की प्रशंसा करते रहते और हिंदुत्व को गालियाँ देते रहते थे । चूंकि उन्हें मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और न ही उन्होंने मेरी हिस्ट्री पढ़ी थी । सो कल रविवार को बातों ही बातों में उन्होंने मुझे क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने का ऑफ़र दे दिया और क्रिश्चियनिटी के फ़ायदे बताने लगे ।
मैं कई दिनों से ऐसे मौके की तलाश में था । क्योंकि मेरे दिमाग में क्रिश्चियन कन्वर्शन वाले मुद्दे को लेकर बड़ा फ़ितूर चल रहा था । मैं उसके ज्ञान का लेवल जानता था ? मैं जानता था कि उसे क्रिश्चियनिटी और बाइबिल में कुछ भी नही आता है । इसलिए मैंने उससे बहस करना जायज़ नही समझा । मैं बाइबिल को लेकर बड़े क्रिश्चियन फादर से बहस करना चाहता था । सो मैंने उनका ऑफ़र स्वीकार कर लिया ।
कल शाम को मैं अपने आठ जूनियर और उस सीनियर के साथ चर्च पहुँच गया । वहाँ कुछ परिवार भी हिन्दू से क्रिश्चियन कन्वर्शन के लिए आये हुए थे और धर्म परिवर्तन कराने के लिए गोआ के किसी चर्च के फादर बुलाये गए थे । चर्च में प्रेयर हुई । फिर उन्होंने क्रिश्चियनिटी और परमेश्वर पर लेक्चर दिया और होली वाटर के साथ धर्मान्तरण की प्रोसेस शुरू की ।
मैंने अपने सीनियर से कहा कि वो फ़ादर से रिक्वेस्ट करें कि सबसे पहले मुझे कन्वर्ट करें ।
फिर फ़ादर ने मुझे बुलाया । और बोला - जीसस ने अशोक को अपनी शरण में बुलाया है । मैं अशोक का क्रिश्चियनिटी में स्वागत करता हूँ ।
मैंने फ़ादर से कहा कि मुझे कन्वर्ट करने से पहले क्रिश्चियन और हिन्दू को कम्पेयर करते हुए उसके मेरिट और डिमेरिट बताएँ । मैं कन्वर्ट होने से पहले बाइबिल पर आपके साथ चर्चा करना चाहता हूँ । कृपया मुझे आधा घण्टे का समय दें और मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दें ।
फ़ादर को मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और उन्हें अंदाजा भी नही था कि मैं यहाँ अपना लक्ष्य पूरा करने आया हूँ और उन्हें पता ही नही था कि मैं अपना काम अपने प्लान के मुताबिक़ कर रहा हूँ ।
उस फ़ादर को इस बात का अंदेशा भी नही था कि आज वो कितनी बड़ी आफ़त में फ़ंसने वाले हैं । सो फ़ादर बाइबिल पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गए ।
( मैंने पूछा - फ़ादर, क्रिश्चियनिटी हिन्दूत्व से किस तरह बेहतर है ? परमेश्वर और बाइबिल में से कौन सत्य है ? अगर बाइबिल और यीशु में से एक चुनना हो । तो किसको चुनें ? )
अब फ़ादर ने क्रिश्चियनिटी की प्रसंशा और हिंदुत्व की बुराइयाँ करनी शुरू की और कहा -
1 यीशु ही एकमात्र परमेश्वर है और होली बाइबिल ही दुनियाँ में मात्र एक पवित्र क़िताब है । बाइबिल में लिखा एक एक वाक्य सत्य है । वह परमेश्वर का आदेश है ।
परमेश्वर ने ही पृथ्वी बनाई है ।
2 क्रिश्चियनिटी में ज्ञान है । जबकि हिन्दुओं की किताबों में केवल अंधविश्वास है ।
3 क्रिश्चियनिटी में समानता है । जातिगत भेदभाव नही है । जबकि हिंदुओं में जातिप्रथा है ।
4 क्रिश्चियनिटी में महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान हैं । जबकि हिन्दुओं में लेडीज़ का रेस्पेक्ट नही है । हिन्दू धर्म में लेडीज़ के साथ सेक्सुअल हरासमेंट ज़्यादा है ।
5 क्रिश्चियन कभी भी किसी को धर्म के नाम पर नही मारते । जबकि हिन्दू धर्म के नाम पर लोगों को मारते हैं । बलात्कार करते हैं । हिन्दू बहुत अत्याचारी होते हैं ।
6 हिंदुओ में नंगे बाबा घूमते हैं । सबसे बेशर्म धर्म है - हिन्दू ।
अब मैंने बोलना शुरू किया कि फ़ादर मैं आपको बताना चाहता हूँ कि
1 जैसा आपने कहा कि परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई है और बाईबल में एक एक वाक्य सत्य लिखा है । और वह पवित्र है ।
तो बाईबल के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति ईसा के जन्म से 4004 वर्ष पहले हुई अर्थात बाइबिल के अनुसार अभी तक पृथ्वी की उम्र 6020 वर्ष हुई । जबकि साइंस के अनुसार ( कॉस्मोलॉजि ) पृथ्वी 4.8 बिलियन वर्ष की है । जो बाइबिल में बतायी हुई वर्ष के बहुत ज़्यादा है । आप भी जानते हो साइंस ही सत्य है ।
अर्थात बाइबिल का पहला अध्याय ही बाइबिल को झूठा घोषित कर रहा है । मतलब बाइबिल एक फ़िक्शन बुक है । जो मात्र झूठी कहानियों का संकलन है ।
जब बाइबिल ही असत्य है । तो आपके परमेश्वर का कोई अस्तित्व ही नही बचता ?
2 आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में ज्ञान है । तो आपको बता दूँ कि क्रिश्चियनिटी में ज्ञान नाम का कोई शब्द नही है । याद करो जब ‘ब्रूनो’ ने कहा था कि - पृथ्वी सूरज की परिक्रमा लगाती है । तो चर्च ने ब्रूनो को ‘बाइबिल’ को झूठा साबित करने के आरोप में जिन्दा जला दिया था । और गैलीलियो को इस लिए अँधा कर दिया गया । क्योंकि उसने कहा था - पृथ्वी के अलावा और भी ग्रह हैं । जो बाइबिल के विरुद्ध था ।
अब आता हूँ हिंदुत्व में । तो फ़ादर हिंदुत्व के अनुसार पृथ्वी की उम्र ब्रह्मा के एक दिन और एक रात के बराबर है । जो लगभग 1.97 बिलियन वर्ष है । जो साइंस के बताये हुए समय के बराबर है और साइंस के अनुसार ग्रह नक्षत्र तारे और उनका परिभ्रमण हिन्दुओं के ज्योतिष विज्ञान पर आधारित है । हिन्दू ग्रंथो के अनुसार 9 ग्रहों की जीवनगाथा वैदिककाल में ही बता दी गयी थी । ऐसे ज्ञान देने वाले संतो को हिन्दुओं ने भगवान के समान पूजा है । न कि जिन्दा जलाया या अँधा किया ।
केवल हिन्दू धर्म ही ऐसा है । जो ज्ञान और गुरु को भगवान से भी ज़्यादा पूज्य मानता है । जैसे
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवोमहेश्वरः ।
गुरुर्साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरूवे नमः ।।
और फ़ादर दुनियाँ में केवल हिन्दू ही ऐसा है । जो कण कण में ईश्वर देखता है । और ख़ुद को ‘अह्मब्रह्मस्मि’ बोल सकता है । इतनी आज़ादी केवल हिन्दू धर्म में ही है ।
3 आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में समानता है । जातिगत भेदभाव नही है । तो आपको बता दूँ कि
क्रिश्चियनिटी पहली शताब्दी में तीन भागों में बंटी हुई थी । जैसे Jewish Christianity, Pauline Christianity, Gnostic Christianity.
जो एक दूसरे के घोर विरोधी थे । उनके मत भी अलग अलग थे ।
फिर क्रिश्चियनिटी Protestant, Catholic Eastern Orthodoxy, Lutherans में विभाजित हुई । जो एक दूसरे के दुश्मन थे । जिनमें कुछ लोगों को मानना था कि ‘यीशु’ फिर जिन्दा हुए थे । तो कुछ का मानना है कि यीशु फिर जिन्दा नही हुए । और कुछ ईसाई मतों का मानना है कि यीशु को सलीब पर लटकाया ही नही गया ।
आज ईसाईयत हज़ार से ज़्यादा भागों में बंटी हुई है । जो पूर्णतः रंगभेद ( श्वेत अश्वेत ) और जातिगत आधारित है । आज भी पूरे विश्व में कनवर्टेड क्रिश्चियन की सिर्फ़ कनवर्टेड से ही शादी होती है ।
आज भी अश्वेत क्रिश्चियन को ग़ुलाम समझा जाता है ।
फ़ादर भेदभाव में ईसाई सबसे आगे हैं । हैम के वंशज के नाम पर अश्वेतों को ग़ुलाम बना रखा है ।
4 आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार है । तो बाईबल के प्रथम अध्याय में एक ही अपराध के लिये परमेश्वर ने ईव को आदम से ज्यादा दण्ड क्यों दिया ?
ईव को पेट के दर्द और बच्चे जनने का श्राप क्यों दिया ? आदम को ये दर्द क्यों नही दिया । अर्थात आपका परमेश्वर भी महिलाओं को पुरुषों के समान नही समझता ।
आपके ही बाइबिल में ‘लूत’ ने अपनी ही दोनों बेटियों का बलात्कार किया और इब्राहीम ने अपनी पत्नी को अपनी बहन बनाकर मिस्र के फिरौन ( राजा ) को सैक्स के लिए दिया ।
आपकी ही क्रिश्चियनिटी ने पोप के कहने पर अब तक 50 लाख से ज़्यादा बेक़सूर महिलाओं को जिन्दा जला दिया । ये सारी रिपोर्ट आपकी ही बीबीसी न्यूज़ में दी हुई हैं ।
आपकी ही ईसाईयत में 17वीं शताब्दी तक महिलाओं को चर्च में बोलने का अधिकार नही था । महिलाओं की जगह प्रेयर गाने के लिए भी 15 साल से छोटे लड़को को नपुंसक बना दिया जाता था । उनके अंडकोष निकाल दिए जाते थे । महिलाओं की जगह उन बच्चों से प्रेयर करायी जाती थी ।
बीबीसी के सर्वे के अनुसार सभी धर्मों के धार्मिक गुरुओं में सेक्सुअल केस में सबसे ज़्यादा ‘पोप और नन’ ही एडस से मरे हैं । जो ईसाई ही हैं ।
फ़ादर क्या यही क्रिश्चियनिटी में नारी सम्मान है ?
अब आपको हिंदुत्व में बताऊँ । दुनियाँ में केवल हिन्दू ही है ।
जो कहता है - यत्र नारियन्ति पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता ।
- अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है । वहीं देवताओं का निवास होता है ।
5 फ़ादर आपने कहा कि क्रिश्चियन धर्म के नाम पर किसी को नही मारते । तो आपको बता दूँ - एक लड़का हिटलर जो कैथोलिक परिवार में जन्मा । उसने जीवन भर चर्च को फॉलो किया ।
उसने अपनी आत्मकथा MEIN KAMPF में लिखा ।
- वो परमेश्वर को मानता है । और परमेश्वर के आदेश से ही उसने 10 लाख यहूदियों को मारा है । हिटलर ने हर बार कहा कि वो क्रिश्चियन है । चूंकि हिटलर द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण था । जिसमें सारे ईसाई देश एक दूसरे के विरुद्ध थे । इसलिए आपके चर्च और पादरियों ने उसे कैथोलिक से निकाल कर Atheist ( नास्तिक ) में डाल दिया ।
फ़ादर मैं इस्लाम का हितेषी नही हूँ । लेकिन आपको बता दूँ । क्रिश्चियनों ने सन 1096 में ने Crusade War धर्म के आधार पर ही स्टार्ट किया था । जिसमें पहला हमला क्रिश्चियन समुदाय ने मुसलमानों पर किया ।
जिसमें लाखों मासूम मारे गए ।
फ़ादर ‘आयरिश आर्मी’ का इतिहास पढ़ो । किस तरह कैथोलिकों ने धर्म के नाम पर क़त्लेआम किया । जो आज के isis से भी ज़्यादा भयानक था ।
धर्म के नाम पर क़त्लेआम करने में क्रिश्चियन मुसलमानों के समान ही हैं । वहीं आपने हिन्दुओं को बदनाम किया । तो आपको बता दूँ कि - हिन्दू ने कभी भी दूसरे धर्म वालों को मारने के लिए पहले हथियार नही उठाया है । बल्कि अपनी रक्षा के लिए हथियार उठाया है ।
6 फ़ादर आपने कहा कि - हिन्दुओं में नंगे बाबा घूमते हैं ‘हिन्दू बेशर्म’ हैं । तो फ़ादर आपको याद दिला दूँ कि बाइबिल के अनुसार यीशु ने प्रकाशित वाक्य ( Revelation ) में कहा है कि ‘nudity is best purity’ नग्नता सबसे शुद्ध है ।
यीशु कहता है कि - मेरे प्रेरितों अगर मुझसे मिलना है । तो एक छोटे बच्चे की तरह नग्न होकर मुझसे मिलो । क्योंकि नग्नता में कोई लालच नही होता ।
फ़ादर याद करो, यूहन्ना का वचन 20:11-25 और लूका के वचन 24:13-43 क्या कहते हैं - नग्नता के बारे में ?
फ़ादर ईसाईयत में सबसे बड़ी प्रथा Bapistism है । जो बाइबिल के अनुसार येरूसलम की यरदन नदी में नग्न होकर ली जाती थी ।
अभी इस वर्ष फ़रवरी में ही न्यूजीलैंड के 1800 लोगों ने जिसमे 1000 महिलाएं थी ने पूर्णतः नग्न होकर बपिस्टिसम लिया । और आप कहते हो कि - हिन्दू बेशर्म है ।
अब चर्च के सभी लोग मुझ पर भड़क चुके थे और ग़ुस्से में कह रहे थे - आप यहाँ क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने नही आये हो । आप फ़ादर से बहस करने आये हो । परमेश्वर आपको माफ नही करेगा ।
मैंने फ़ादर से कहा कि यीशु ने कहा है - मेरे प्रेरितों मेरा प्रचार प्रसार करो । अब जब आप यीशु का प्रचार करोगे । तो आपसे प्रश्न भी पूछे जाएँगे । आपको ज़बाब देना होगा । मैं यीशु के सामने बैठा हुआ हूँ । और वालंटियर क्रिश्चियन बनने आया हूँ ।
मुझे आप सिर्फ़ ज्ञान के सामर्थ्य पर क्रिश्चियन बना सकते हैं । धन के लालच में नही ।
अब फ़ादर ख़ामोश बैठा हुआ था । शायद सोच रहा होगा कि आज किससे पाला पड़ गया ?
मैंने फिर कहा - फ़ादर आप यीशु के साथ गद्दारी नही कर सकते । आप यहाँ सिद्ध करके दिखाओ कि ईसाईयत हिंदुत्व से बेहतर कैसे है ?
मैंने फिर फ़ादर से कहा कि - फ़ादर ज़वाब दो । आज आपसे ही ज़वाब चाहिए । क्योंकि आपके ये 30 ईसाई इतने सामर्थ्यवान नही है कि ये हिन्दू के प्रश्नों का ज़वाब दे सकें ।
फ़ादर अभी भी शाँत था ।
मैंने कहा - फ़ादर अभी तो मैंने शास्त्र खोले भी नही हैं । शास्त्रों के ज्ञान के सामने आपकी बाइबिल कहीं टिकती भी नही है ।
अब फ़ादर ने काफ़ी सोच समझकर रविश स्टाइल में मुझसे पूछा - आप किस जाति से हो ?
मैंने भी चाणक्य स्टाइल में ज़वाब दे दिया - मैं सेवार्थ शूद्र, आर्थिक वैश्य, रक्षण में क्षत्रिय, और ज्ञान में ब्राह्मण हूँ । और हाँ फ़ादर मैं कर्मणा ‘फ़ौजी’ हूँ । और जाति से ‘हिन्दू’ ।
अब चर्च में बहुत शोर हो चुका था । मेरे जूनियर बहुत खुश थे । बाकी सभी ईसाई मुझ पर नाराज़ थे । लेकिन करते भी क्या ? मैंने उनकी ही हर बात को काटने के लिए बाइबिल को आधार बना रखा था । और हर बात पर बाइबिल को ही ख़ारिज कर रहा था ।
मैंने फ़ादर से कहा - मेरे ऊपर ये जाति वाला मन्त्र ना फूँके । आप सिर्फ़ मेरे सवालों का ज़वाब दें ।
अब मैंने उन परिवारों को जो कन्वर्ट होने के लिए आये थे, को कहा - क्या आप लोगों को पता है कि वेटिकन सिटी एक हिन्दू से क्रिश्चियन कन्वर्ट करने के लिए मिनिमम 2 लाख रुपये देती है । जिसमें से आपको 1 लाख या 50 हज़ार दिया जाता है । बाकी में 20 से 30 हज़ार तक आपको कन्वर्ट करने के लिए चर्च लेकर आने वाले आदमी को दिया जाता है । बाकी का 1 लाख चर्च रखता है ।
जब आप कन्वर्ट हो जाते हो । तब आपको परमेश्वर के नाम से डराया जाता है । फिर आपको हर सन्डे चर्च आना पड़ता है । और हर महीने अपनी पॉकेट मनी या फिक्स डिपाजिट चर्च को डिपॉजिट करना पड़ता है ।
आपको 1 लाख देकर चर्च आपसे कम से कम दस लाख वसूल करता है । अगर आपके पास पैसा नही होता । तो आपको परमेश्वर के नाम से डराकर आपकी जमीन किसी क्रिश्चियन ट्रस्ट के नाम पर डोनेट ( दान ) करा ली जाती है ।
अब आप मेरे सीनियर को ही देख लो । इन्होंने कन्वर्ट होने के लिए 1 लाख लिया था । लेकिन 4 साल से हर महीने 15 हज़ार चर्च को डिपाजिट कर रहे हैं । अभी भी वक्त है । सोच लो ।
आप सभी को बता दूँ कि एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में धार्मिक आधार पर सबसे ज़्यादा जमीन क्रिश्चियन ट्रस्टों पर हैं । जिन्हें आप जैसे मासूम कन्वर्ट होने वालों से परमेश्वर के नाम पर डरा कर हड़प लिया गया है ।
मेरे इतना कहते ही सारे क्रिश्चियन भड़क चुके थे । तभी यहाँ के पादरी ने गोआ वाले फ़ादर से कहा कि - 11 बज चुके हैं । चर्च को बन्द करने का टाइम है ।
मैंने फ़ादर से कहा कि - आपने मेरे सवालों का ज़वाब नही दिया । मैं आपसे बाइबिल पर चर्चा करने आया था ।
आप जो पैसे लेकर कन्वर्ट करते हो । वो बाईबल में सख्त मना है । याद करो गेहजी, यहूदा इस्तविको का हस्र ? जिसनें धर्म में लालच किया । जिस तरह परमेश्वर ने उन्हें मारा । ठीक उसी तरह आपका ही परमेश्वर आपको मारेगा । आप में से किसी भी क्रिश्चियन को जो पैसे लेकर कन्वर्ट हुआ फ़िरदौस ( यीशु का राज्य ) में प्रवेश नही मिलेगा ।
अब चर्च बंद होने का समय हो चुका था । मैंने जाते जाते फ़ादर को ‘थ्री इडियट’ स्टाइल में कहा -फ़ादर फिर से बाईबल पढ़ो समझो । और जहाँ समझ न आये । तो मुझे फ़ोन करके पूछ लेना । क्योंकि मैं अपने कमज़ोर स्टूडेंट का हाथ कभी नही छोड़ता ।
और आते आते मैं सारे क्रिश्चियनों को बोल आया कि - मेरे क्रिश्चियन भाइयो अपने वेटिकन वाले चचाओं को बता दो कि भारत से ईसाईयत का बोरी बिस्तर उठाने का समय आ गया है । उन्हें बोल दो । अब भारत में हिन्दू जाग चूका है । अब हिन्दू ने भी शस्त्र के साथ शास्त्र उठा लिया है । जितना जल्दी हो । यहाँ से कट लो ।
जयहिन्द, जय भारत
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साभार - फ़ेसबुक, हिन्दू जागरण पेज से
https://www.facebook.com/hinduyuvajaagran/photos/a.897784740316719.1073741828.897780156983844/993957587366100/?type=3&permPage=1
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अभी कुछ महीने पहले ही नई यूनिट में ट्रांसफर होकर आया हूँ । चूंकि पिछली यूनिट में कई लोगों ने मेरी छवि एक सांप्रदायिक कट्टर हिन्दू की बना दी थी और कुछ लोगों ने मुझे इस्लाम और क्रिश्चियनिटी विरोधी बता दिया था ।
सो इस यूनिट में मैं काफ़ी शाँत रहता था । किसी भी धर्म पर मैं कोई भी बात नही करता था ।
मेरे साथ एक सीनियर हैं । जो 4 साल पहले हिंदू से क्रिश्चियन में कन्वर्ट हुए हैं । वो दिन रात क्रिश्चियनिटी की प्रशंसा करते रहते और हिंदुत्व को गालियाँ देते रहते थे । चूंकि उन्हें मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और न ही उन्होंने मेरी हिस्ट्री पढ़ी थी । सो कल रविवार को बातों ही बातों में उन्होंने मुझे क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने का ऑफ़र दे दिया और क्रिश्चियनिटी के फ़ायदे बताने लगे ।
मैं कई दिनों से ऐसे मौके की तलाश में था । क्योंकि मेरे दिमाग में क्रिश्चियन कन्वर्शन वाले मुद्दे को लेकर बड़ा फ़ितूर चल रहा था । मैं उसके ज्ञान का लेवल जानता था ? मैं जानता था कि उसे क्रिश्चियनिटी और बाइबिल में कुछ भी नही आता है । इसलिए मैंने उससे बहस करना जायज़ नही समझा । मैं बाइबिल को लेकर बड़े क्रिश्चियन फादर से बहस करना चाहता था । सो मैंने उनका ऑफ़र स्वीकार कर लिया ।
कल शाम को मैं अपने आठ जूनियर और उस सीनियर के साथ चर्च पहुँच गया । वहाँ कुछ परिवार भी हिन्दू से क्रिश्चियन कन्वर्शन के लिए आये हुए थे और धर्म परिवर्तन कराने के लिए गोआ के किसी चर्च के फादर बुलाये गए थे । चर्च में प्रेयर हुई । फिर उन्होंने क्रिश्चियनिटी और परमेश्वर पर लेक्चर दिया और होली वाटर के साथ धर्मान्तरण की प्रोसेस शुरू की ।
मैंने अपने सीनियर से कहा कि वो फ़ादर से रिक्वेस्ट करें कि सबसे पहले मुझे कन्वर्ट करें ।
फिर फ़ादर ने मुझे बुलाया । और बोला - जीसस ने अशोक को अपनी शरण में बुलाया है । मैं अशोक का क्रिश्चियनिटी में स्वागत करता हूँ ।
मैंने फ़ादर से कहा कि मुझे कन्वर्ट करने से पहले क्रिश्चियन और हिन्दू को कम्पेयर करते हुए उसके मेरिट और डिमेरिट बताएँ । मैं कन्वर्ट होने से पहले बाइबिल पर आपके साथ चर्चा करना चाहता हूँ । कृपया मुझे आधा घण्टे का समय दें और मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दें ।
फ़ादर को मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और उन्हें अंदाजा भी नही था कि मैं यहाँ अपना लक्ष्य पूरा करने आया हूँ और उन्हें पता ही नही था कि मैं अपना काम अपने प्लान के मुताबिक़ कर रहा हूँ ।
उस फ़ादर को इस बात का अंदेशा भी नही था कि आज वो कितनी बड़ी आफ़त में फ़ंसने वाले हैं । सो फ़ादर बाइबिल पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गए ।
( मैंने पूछा - फ़ादर, क्रिश्चियनिटी हिन्दूत्व से किस तरह बेहतर है ? परमेश्वर और बाइबिल में से कौन सत्य है ? अगर बाइबिल और यीशु में से एक चुनना हो । तो किसको चुनें ? )
अब फ़ादर ने क्रिश्चियनिटी की प्रसंशा और हिंदुत्व की बुराइयाँ करनी शुरू की और कहा -
1 यीशु ही एकमात्र परमेश्वर है और होली बाइबिल ही दुनियाँ में मात्र एक पवित्र क़िताब है । बाइबिल में लिखा एक एक वाक्य सत्य है । वह परमेश्वर का आदेश है ।
परमेश्वर ने ही पृथ्वी बनाई है ।
2 क्रिश्चियनिटी में ज्ञान है । जबकि हिन्दुओं की किताबों में केवल अंधविश्वास है ।
3 क्रिश्चियनिटी में समानता है । जातिगत भेदभाव नही है । जबकि हिंदुओं में जातिप्रथा है ।
4 क्रिश्चियनिटी में महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान हैं । जबकि हिन्दुओं में लेडीज़ का रेस्पेक्ट नही है । हिन्दू धर्म में लेडीज़ के साथ सेक्सुअल हरासमेंट ज़्यादा है ।
5 क्रिश्चियन कभी भी किसी को धर्म के नाम पर नही मारते । जबकि हिन्दू धर्म के नाम पर लोगों को मारते हैं । बलात्कार करते हैं । हिन्दू बहुत अत्याचारी होते हैं ।
6 हिंदुओ में नंगे बाबा घूमते हैं । सबसे बेशर्म धर्म है - हिन्दू ।
अब मैंने बोलना शुरू किया कि फ़ादर मैं आपको बताना चाहता हूँ कि
1 जैसा आपने कहा कि परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई है और बाईबल में एक एक वाक्य सत्य लिखा है । और वह पवित्र है ।
तो बाईबल के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति ईसा के जन्म से 4004 वर्ष पहले हुई अर्थात बाइबिल के अनुसार अभी तक पृथ्वी की उम्र 6020 वर्ष हुई । जबकि साइंस के अनुसार ( कॉस्मोलॉजि ) पृथ्वी 4.8 बिलियन वर्ष की है । जो बाइबिल में बतायी हुई वर्ष के बहुत ज़्यादा है । आप भी जानते हो साइंस ही सत्य है ।
अर्थात बाइबिल का पहला अध्याय ही बाइबिल को झूठा घोषित कर रहा है । मतलब बाइबिल एक फ़िक्शन बुक है । जो मात्र झूठी कहानियों का संकलन है ।
जब बाइबिल ही असत्य है । तो आपके परमेश्वर का कोई अस्तित्व ही नही बचता ?
2 आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में ज्ञान है । तो आपको बता दूँ कि क्रिश्चियनिटी में ज्ञान नाम का कोई शब्द नही है । याद करो जब ‘ब्रूनो’ ने कहा था कि - पृथ्वी सूरज की परिक्रमा लगाती है । तो चर्च ने ब्रूनो को ‘बाइबिल’ को झूठा साबित करने के आरोप में जिन्दा जला दिया था । और गैलीलियो को इस लिए अँधा कर दिया गया । क्योंकि उसने कहा था - पृथ्वी के अलावा और भी ग्रह हैं । जो बाइबिल के विरुद्ध था ।
अब आता हूँ हिंदुत्व में । तो फ़ादर हिंदुत्व के अनुसार पृथ्वी की उम्र ब्रह्मा के एक दिन और एक रात के बराबर है । जो लगभग 1.97 बिलियन वर्ष है । जो साइंस के बताये हुए समय के बराबर है और साइंस के अनुसार ग्रह नक्षत्र तारे और उनका परिभ्रमण हिन्दुओं के ज्योतिष विज्ञान पर आधारित है । हिन्दू ग्रंथो के अनुसार 9 ग्रहों की जीवनगाथा वैदिककाल में ही बता दी गयी थी । ऐसे ज्ञान देने वाले संतो को हिन्दुओं ने भगवान के समान पूजा है । न कि जिन्दा जलाया या अँधा किया ।
केवल हिन्दू धर्म ही ऐसा है । जो ज्ञान और गुरु को भगवान से भी ज़्यादा पूज्य मानता है । जैसे
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवोमहेश्वरः ।
गुरुर्साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरूवे नमः ।।
और फ़ादर दुनियाँ में केवल हिन्दू ही ऐसा है । जो कण कण में ईश्वर देखता है । और ख़ुद को ‘अह्मब्रह्मस्मि’ बोल सकता है । इतनी आज़ादी केवल हिन्दू धर्म में ही है ।
3 आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में समानता है । जातिगत भेदभाव नही है । तो आपको बता दूँ कि
क्रिश्चियनिटी पहली शताब्दी में तीन भागों में बंटी हुई थी । जैसे Jewish Christianity, Pauline Christianity, Gnostic Christianity.
जो एक दूसरे के घोर विरोधी थे । उनके मत भी अलग अलग थे ।
फिर क्रिश्चियनिटी Protestant, Catholic Eastern Orthodoxy, Lutherans में विभाजित हुई । जो एक दूसरे के दुश्मन थे । जिनमें कुछ लोगों को मानना था कि ‘यीशु’ फिर जिन्दा हुए थे । तो कुछ का मानना है कि यीशु फिर जिन्दा नही हुए । और कुछ ईसाई मतों का मानना है कि यीशु को सलीब पर लटकाया ही नही गया ।
आज ईसाईयत हज़ार से ज़्यादा भागों में बंटी हुई है । जो पूर्णतः रंगभेद ( श्वेत अश्वेत ) और जातिगत आधारित है । आज भी पूरे विश्व में कनवर्टेड क्रिश्चियन की सिर्फ़ कनवर्टेड से ही शादी होती है ।
आज भी अश्वेत क्रिश्चियन को ग़ुलाम समझा जाता है ।
फ़ादर भेदभाव में ईसाई सबसे आगे हैं । हैम के वंशज के नाम पर अश्वेतों को ग़ुलाम बना रखा है ।
4 आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार है । तो बाईबल के प्रथम अध्याय में एक ही अपराध के लिये परमेश्वर ने ईव को आदम से ज्यादा दण्ड क्यों दिया ?
ईव को पेट के दर्द और बच्चे जनने का श्राप क्यों दिया ? आदम को ये दर्द क्यों नही दिया । अर्थात आपका परमेश्वर भी महिलाओं को पुरुषों के समान नही समझता ।
आपके ही बाइबिल में ‘लूत’ ने अपनी ही दोनों बेटियों का बलात्कार किया और इब्राहीम ने अपनी पत्नी को अपनी बहन बनाकर मिस्र के फिरौन ( राजा ) को सैक्स के लिए दिया ।
आपकी ही क्रिश्चियनिटी ने पोप के कहने पर अब तक 50 लाख से ज़्यादा बेक़सूर महिलाओं को जिन्दा जला दिया । ये सारी रिपोर्ट आपकी ही बीबीसी न्यूज़ में दी हुई हैं ।
आपकी ही ईसाईयत में 17वीं शताब्दी तक महिलाओं को चर्च में बोलने का अधिकार नही था । महिलाओं की जगह प्रेयर गाने के लिए भी 15 साल से छोटे लड़को को नपुंसक बना दिया जाता था । उनके अंडकोष निकाल दिए जाते थे । महिलाओं की जगह उन बच्चों से प्रेयर करायी जाती थी ।
बीबीसी के सर्वे के अनुसार सभी धर्मों के धार्मिक गुरुओं में सेक्सुअल केस में सबसे ज़्यादा ‘पोप और नन’ ही एडस से मरे हैं । जो ईसाई ही हैं ।
फ़ादर क्या यही क्रिश्चियनिटी में नारी सम्मान है ?
अब आपको हिंदुत्व में बताऊँ । दुनियाँ में केवल हिन्दू ही है ।
जो कहता है - यत्र नारियन्ति पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता ।
- अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है । वहीं देवताओं का निवास होता है ।
5 फ़ादर आपने कहा कि क्रिश्चियन धर्म के नाम पर किसी को नही मारते । तो आपको बता दूँ - एक लड़का हिटलर जो कैथोलिक परिवार में जन्मा । उसने जीवन भर चर्च को फॉलो किया ।
उसने अपनी आत्मकथा MEIN KAMPF में लिखा ।
- वो परमेश्वर को मानता है । और परमेश्वर के आदेश से ही उसने 10 लाख यहूदियों को मारा है । हिटलर ने हर बार कहा कि वो क्रिश्चियन है । चूंकि हिटलर द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण था । जिसमें सारे ईसाई देश एक दूसरे के विरुद्ध थे । इसलिए आपके चर्च और पादरियों ने उसे कैथोलिक से निकाल कर Atheist ( नास्तिक ) में डाल दिया ।
फ़ादर मैं इस्लाम का हितेषी नही हूँ । लेकिन आपको बता दूँ । क्रिश्चियनों ने सन 1096 में ने Crusade War धर्म के आधार पर ही स्टार्ट किया था । जिसमें पहला हमला क्रिश्चियन समुदाय ने मुसलमानों पर किया ।
जिसमें लाखों मासूम मारे गए ।
फ़ादर ‘आयरिश आर्मी’ का इतिहास पढ़ो । किस तरह कैथोलिकों ने धर्म के नाम पर क़त्लेआम किया । जो आज के isis से भी ज़्यादा भयानक था ।
धर्म के नाम पर क़त्लेआम करने में क्रिश्चियन मुसलमानों के समान ही हैं । वहीं आपने हिन्दुओं को बदनाम किया । तो आपको बता दूँ कि - हिन्दू ने कभी भी दूसरे धर्म वालों को मारने के लिए पहले हथियार नही उठाया है । बल्कि अपनी रक्षा के लिए हथियार उठाया है ।
6 फ़ादर आपने कहा कि - हिन्दुओं में नंगे बाबा घूमते हैं ‘हिन्दू बेशर्म’ हैं । तो फ़ादर आपको याद दिला दूँ कि बाइबिल के अनुसार यीशु ने प्रकाशित वाक्य ( Revelation ) में कहा है कि ‘nudity is best purity’ नग्नता सबसे शुद्ध है ।
यीशु कहता है कि - मेरे प्रेरितों अगर मुझसे मिलना है । तो एक छोटे बच्चे की तरह नग्न होकर मुझसे मिलो । क्योंकि नग्नता में कोई लालच नही होता ।
फ़ादर याद करो, यूहन्ना का वचन 20:11-25 और लूका के वचन 24:13-43 क्या कहते हैं - नग्नता के बारे में ?
फ़ादर ईसाईयत में सबसे बड़ी प्रथा Bapistism है । जो बाइबिल के अनुसार येरूसलम की यरदन नदी में नग्न होकर ली जाती थी ।
अभी इस वर्ष फ़रवरी में ही न्यूजीलैंड के 1800 लोगों ने जिसमे 1000 महिलाएं थी ने पूर्णतः नग्न होकर बपिस्टिसम लिया । और आप कहते हो कि - हिन्दू बेशर्म है ।
अब चर्च के सभी लोग मुझ पर भड़क चुके थे और ग़ुस्से में कह रहे थे - आप यहाँ क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने नही आये हो । आप फ़ादर से बहस करने आये हो । परमेश्वर आपको माफ नही करेगा ।
मैंने फ़ादर से कहा कि यीशु ने कहा है - मेरे प्रेरितों मेरा प्रचार प्रसार करो । अब जब आप यीशु का प्रचार करोगे । तो आपसे प्रश्न भी पूछे जाएँगे । आपको ज़बाब देना होगा । मैं यीशु के सामने बैठा हुआ हूँ । और वालंटियर क्रिश्चियन बनने आया हूँ ।
मुझे आप सिर्फ़ ज्ञान के सामर्थ्य पर क्रिश्चियन बना सकते हैं । धन के लालच में नही ।
अब फ़ादर ख़ामोश बैठा हुआ था । शायद सोच रहा होगा कि आज किससे पाला पड़ गया ?
मैंने फिर कहा - फ़ादर आप यीशु के साथ गद्दारी नही कर सकते । आप यहाँ सिद्ध करके दिखाओ कि ईसाईयत हिंदुत्व से बेहतर कैसे है ?
मैंने फिर फ़ादर से कहा कि - फ़ादर ज़वाब दो । आज आपसे ही ज़वाब चाहिए । क्योंकि आपके ये 30 ईसाई इतने सामर्थ्यवान नही है कि ये हिन्दू के प्रश्नों का ज़वाब दे सकें ।
फ़ादर अभी भी शाँत था ।
मैंने कहा - फ़ादर अभी तो मैंने शास्त्र खोले भी नही हैं । शास्त्रों के ज्ञान के सामने आपकी बाइबिल कहीं टिकती भी नही है ।
अब फ़ादर ने काफ़ी सोच समझकर रविश स्टाइल में मुझसे पूछा - आप किस जाति से हो ?
मैंने भी चाणक्य स्टाइल में ज़वाब दे दिया - मैं सेवार्थ शूद्र, आर्थिक वैश्य, रक्षण में क्षत्रिय, और ज्ञान में ब्राह्मण हूँ । और हाँ फ़ादर मैं कर्मणा ‘फ़ौजी’ हूँ । और जाति से ‘हिन्दू’ ।
अब चर्च में बहुत शोर हो चुका था । मेरे जूनियर बहुत खुश थे । बाकी सभी ईसाई मुझ पर नाराज़ थे । लेकिन करते भी क्या ? मैंने उनकी ही हर बात को काटने के लिए बाइबिल को आधार बना रखा था । और हर बात पर बाइबिल को ही ख़ारिज कर रहा था ।
मैंने फ़ादर से कहा - मेरे ऊपर ये जाति वाला मन्त्र ना फूँके । आप सिर्फ़ मेरे सवालों का ज़वाब दें ।
अब मैंने उन परिवारों को जो कन्वर्ट होने के लिए आये थे, को कहा - क्या आप लोगों को पता है कि वेटिकन सिटी एक हिन्दू से क्रिश्चियन कन्वर्ट करने के लिए मिनिमम 2 लाख रुपये देती है । जिसमें से आपको 1 लाख या 50 हज़ार दिया जाता है । बाकी में 20 से 30 हज़ार तक आपको कन्वर्ट करने के लिए चर्च लेकर आने वाले आदमी को दिया जाता है । बाकी का 1 लाख चर्च रखता है ।
जब आप कन्वर्ट हो जाते हो । तब आपको परमेश्वर के नाम से डराया जाता है । फिर आपको हर सन्डे चर्च आना पड़ता है । और हर महीने अपनी पॉकेट मनी या फिक्स डिपाजिट चर्च को डिपॉजिट करना पड़ता है ।
आपको 1 लाख देकर चर्च आपसे कम से कम दस लाख वसूल करता है । अगर आपके पास पैसा नही होता । तो आपको परमेश्वर के नाम से डराकर आपकी जमीन किसी क्रिश्चियन ट्रस्ट के नाम पर डोनेट ( दान ) करा ली जाती है ।
अब आप मेरे सीनियर को ही देख लो । इन्होंने कन्वर्ट होने के लिए 1 लाख लिया था । लेकिन 4 साल से हर महीने 15 हज़ार चर्च को डिपाजिट कर रहे हैं । अभी भी वक्त है । सोच लो ।
आप सभी को बता दूँ कि एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में धार्मिक आधार पर सबसे ज़्यादा जमीन क्रिश्चियन ट्रस्टों पर हैं । जिन्हें आप जैसे मासूम कन्वर्ट होने वालों से परमेश्वर के नाम पर डरा कर हड़प लिया गया है ।
मेरे इतना कहते ही सारे क्रिश्चियन भड़क चुके थे । तभी यहाँ के पादरी ने गोआ वाले फ़ादर से कहा कि - 11 बज चुके हैं । चर्च को बन्द करने का टाइम है ।
मैंने फ़ादर से कहा कि - आपने मेरे सवालों का ज़वाब नही दिया । मैं आपसे बाइबिल पर चर्चा करने आया था ।
आप जो पैसे लेकर कन्वर्ट करते हो । वो बाईबल में सख्त मना है । याद करो गेहजी, यहूदा इस्तविको का हस्र ? जिसनें धर्म में लालच किया । जिस तरह परमेश्वर ने उन्हें मारा । ठीक उसी तरह आपका ही परमेश्वर आपको मारेगा । आप में से किसी भी क्रिश्चियन को जो पैसे लेकर कन्वर्ट हुआ फ़िरदौस ( यीशु का राज्य ) में प्रवेश नही मिलेगा ।
अब चर्च बंद होने का समय हो चुका था । मैंने जाते जाते फ़ादर को ‘थ्री इडियट’ स्टाइल में कहा -फ़ादर फिर से बाईबल पढ़ो समझो । और जहाँ समझ न आये । तो मुझे फ़ोन करके पूछ लेना । क्योंकि मैं अपने कमज़ोर स्टूडेंट का हाथ कभी नही छोड़ता ।
और आते आते मैं सारे क्रिश्चियनों को बोल आया कि - मेरे क्रिश्चियन भाइयो अपने वेटिकन वाले चचाओं को बता दो कि भारत से ईसाईयत का बोरी बिस्तर उठाने का समय आ गया है । उन्हें बोल दो । अब भारत में हिन्दू जाग चूका है । अब हिन्दू ने भी शस्त्र के साथ शास्त्र उठा लिया है । जितना जल्दी हो । यहाँ से कट लो ।
जयहिन्द, जय भारत
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साभार - फ़ेसबुक, हिन्दू जागरण पेज से
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1 टिप्पणी:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (11-06-2016) को "जिन्दगी बहुत सुन्दर है" (चर्चा अंक-2370) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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