10 जून 2016

हाथ का कमाल

जब जन्मतिथि और दिन, माह, वार आदि का पता न हो । तब अपने हाथ द्वारा स्वयं जानें । एक सूक्ष्मदर्शी सीसा और एक पेन, कागज लें । और अपने दोनों हाथों को बताये गये नियमों के अनुसार देखें ।
वर्तमान आयु का निर्धारण करना
1 अंगूठे के नीचे - शुक्र पर्वत ।
1+ अंगूठे और तर्जनी ( पहली उंगली ) के बीच की जगह को - मंगल पर्वत ।
2 तर्जनी के नीचे - गुरु पर्वत ।
3 मध्यमा उंगली ( बीच वाली ) के नीचे - शनि पर्वत ।
4 अनामिका ( रिंग फ़िंगर या बीच वाली उंगली के बाद वाली )  के नीचे - सूर्य पर्वत ।
5 कनिष्ठा ( सबसे छोटी उंगली ) के नीचे - बुध पर्वत का स्थान ।
------------
इन्हीं 5 पर्वतों को आयु निर्धारण के लिये मुख्य स्थान माना गया है । उंगलियों की जङ से जो रेखायें ऊपर की ओर जाती है और खङी होती है । उनके द्वारा ही आयु निर्धारण किया जाता है । 
- गुरु पर्वत से तर्जनी उंगली की जङ से ऊपर की ओर जाने वाली रेखायें जो कटी नही हों, गिन लें ।
- शनि पर्वत से मध्यमा ( बीच वाली ) उंगली से ऊपर की ओर जाने वाली रेखाओं की गिन लें ।
( ध्यान रहे कि कोई रेखा कटी नही होनी चाहिये )
- शनि पर्वत के नीचे वाली रेखाओं को ढाई से गुणा करें ।
- गुरु पर्वत के नीचे से निकलने वाली रेखाओं को डेढ से गुणा करें । 
- फ़िर मंगल पर्वत के नीचे से ऊपर की ओर जाने वाली रेखाओं को जोङ लें । 
- इनका योगफ़ल ही वर्तमान उम्र होगी ।
----------
अपने जन्म का महीना और राशि पता करने का नियम
- दोनों हाथों की तर्जनी ( पहली उंगली ) के तीसरे पोर और दूसरे पोर में लम्बवत रेखाओं को गिन लें ।
- इस गिनती का 23 से गुणा करें ।
- प्राप्त गुणनफ़ल में 12 का भाग दें ।
- जो संख्या शेष बचे । वही जातक का जन्म का महीना और उसकी राशि होती है ।

महीना और राशि का पता करने के लिये इस वैदिक नियम को अपनायें ।
1 बैशाख - मेष राशि aries   2 ज्येष्ठ - वृष राशि taurus ( bull )
3 आषाढ - मिथुन राशि gemini ( twins )  4 श्रावण - कर्क राशि cancer ( crab )
5 भाद्रपद - सिंह राशि leo ( lion )   6 अश्विन - कन्या राशि virgo ( virgin )
7 कार्तिक - तुला राशि libra ( scale )  8 अगहन - वृश्चिक राशि scorpion
9 पौष - धनु राशि sagittarius     10 माघ - मकर राशि capricorn ( crocodile )
11 फ़ाल्गुन - कुम्भ राशि aquarius ( water carrier )  12 चैत्र - मीन राशि pisces ( fishes )

अगर भाग देने के बाद 1 शेष बचे तो बैसाख मास और मेष राशि तथा 2 शेष बचने पर ज्येष्ठ मास और वृष राशि मानी जाती है ।
-----------
हाथ में राशि का निशान - दायें या बायें हाथ की अनामिका उंगली ( रिंग फ़िंगर या बीच वाली उंगली के बाद वाली ) के नीचे के पोर में सूर्य पर्वत पर राशि का स्पष्ट निशान पाया जाता है । उस राशि चिह्न के अनुसार भी जन्म के महीने का उपरोक्त तरीके से पता किया जा सकता है ।
----------
पक्ष और दिन, रात के बारे में ज्ञात करना
1 माह के 2 पक्ष होते है । किसी भी हिन्दू माह के शुरुआत में कृष्ण पक्ष और बीच से शुक्ल पक्ष शुरु होता है ।
व्यक्ति के जन्म पक्ष को जानने के लिये दोनों हाथों के अंगूठों के बीच के अंगूठे के विभाजित करने वाली रेखा को देखिये । दाहिने हाथ के अंगूठे के बीच की रेखा को देखने पर अगर वह 2 रेखायें एक जौ का निशान बनाती है । तो जन्म शुक्ल पक्ष और दिन का माना जाता है ।
- अगर दाहिने हाथ में केवल 1 ही रेखा हो और बायें हाथ में जौ का निशान हो तो जन्म शुक्ल पक्ष का और रात का जन्म होता है । 
- अगर दाहिने और बायें दोनो हाथों के अंगूठों में ही जौ का निशान हो तो जन्म कृष्ण पक्ष रात का मानना चाहिये । 
- साधारणत: दाहिने हाथ में जौ का निशान शुक्ल पक्ष और बायें हाथ में जौ का निशान कृष्ण पक्ष का जन्म बताता है ।
-----------
जन्म दिनांक की गणना
- मध्यमा उंगली ( बीच वाली ) के दूसरे तथा तीसरे पोर में जितनी भी लम्बी रेखायें हों । उन सबको मिलाकर जोङ लें ।
- इस योग में 32 और मिलायें ।
- फ़िर 5 का गुणा करें ।
- इस गुणनफ़ल में 15 का भाग देने जो संख्या शेष बचे । वही जन्म दिनांक होती है ।
--------
दूसरा नियम - अंगूठे के नीचे शुक्र क्षेत्र में खङी रेखाओं को गिनें ( जो रेखायें आङी रेखाओं द्वारा कटी हों । उनको न गिनें ) 
- इन्हें 6 से गुणा करें ।
- प्राप्त गुणनफ़ल में 15 से भाग दें ।
- शेष बची संख्या ही जन्मतिथि का ज्ञान कराती है ।
- यदि 0 बचता है । तो वह पूर्णमासी का भान करवाती है । 15 की संख्या के बाद की संख्या को कृष्ण पक्ष की तिथि मानी जाती है।
------------
जन्म वार का पता करना
- अनामिका ( रिंग फ़िंगर या बीच वाली उंगली के बाद वाली ) के दूसरे तथा तीसरे पोर में जितनी लम्बी रेखायें हों । उनको 517 से जोङ लें ।
- फ़िर योगफ़ल का 5 से गुणा करें । 
- इसके बाद गुणनफ़ल को 7 से भाग दें । 
- जो संख्या शेष बचे । वही वार की संख्या होती है ।
1 से रविवार 2 से सोमवार तीन से मंगलवार और 4 से बुधवार इसी प्रकार शनिवार तक गिनते जाते हैं ।
-------------
जन्म समय और लगन की गणना
- सूर्य पर्वत पर तथा अनामिका ( रिंग फ़िंगर या बीच वाली उंगली के बाद वाली ) के पहले पोर पर, गुरु पर्वत पर तथा मध्यमा ( बीच वाली उंगली ) के प्रथम पोर पर जितनी खङी रेखायें हों । उन्हें गिन लें ।
- प्राप्त गिनती में 811 जोङ दें ।
- योगफ़ल में 124 से गुणा करें ।
- प्राप्त गुणनफ़ल में 60 से भाग दें । 
- भागफ़ल जन्म समय घंटे और मिनट का होता है । 
- योगफ़ल अगर 24 से अधिक का है । तो 24 से फ़िर भाग दें ।

कोई टिप्पणी नहीं:

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
सत्यसाहिब जी सहजसमाधि, राजयोग की प्रतिष्ठित संस्था सहज समाधि आश्रम बसेरा कालोनी, छटीकरा, वृन्दावन (उ. प्र) वाटस एप्प 82185 31326