हम में राम, तुम में राम।
खम्ब में राम,
खरग में राम॥
अक्षर जोङ चौगुने करिये,
ता में योग पाँच कर दीजे।
ता के दूने कर पीछे भाग आठ का दीजे, शेष बचे जो ता पे ध्यान पिता तुम दीजे॥
यह प्रसंग भक्त प्रहलाद और उसके पिता हिरणाकश्यप के बीच विवाद
का है। प्रहलाद कहता था, सभी जगह राम हैं।
इसको सिद्ध करने के लिये उसने ऊपर लिखित सूत्र बताया।
इसके लिये कोई भी चीज,
या किसी का नाम, या कुछ भी कहीं के भी नाम के
अक्षर लें। जैसे राजीव में 3 अक्षर हैं। मेज में 2 अक्षर हैं। चन्द्रमा में 5
अक्षर हैं। आकाश में भी 3 अक्षर हैं आदि आदि। अब मान लीजिये राजीव में राम निकालना
है, तो 3 अक्षर, चौगुने किये तो 12
हुये। इसमें 5 जोङे तो 17 हुये। फ़िर 17 के दोगुने किये तो 34 हुये। अब इसमें 8 का
भाग दिया तो 4 बार गया, और 32 कट कर शेष 2 ही बचा।
यानी राम नाम के 2 अक्षर। इसी तरह किसी भी व्यक्ति, वस्तु आदि कुछ भी कहीं भी के नाम के अक्षरों
में यह सूत्र लगायें। शेष 2 ही रहेगा।
किस आधार पर - प्रकृति पूरी अक्षर में बंधी है यानी पूरा
व्यवहार बरताव अक्षरों से ही होता है। 4 युगों का कालचक्र होता है। इसलिये 4 का
गुणा किया जाता है। 5 तत्व का शरीर बना है। इसलिये 5 जोङा जाता है। प्रकृति और
पुरूष मुख्य इन 2 ही से संसार है। इसलिये 2 का गुणा किया जाता है, और क्योंकि हर चीज का निचोङ निष्कर्ष मन से
करते हैं, और मन 5 तत्व के शरीर और 3 गुण के द्वारा कार्य
लेता है इसलिये 8 का भाग देते हैं। तब राम कैसे कण-कण में हैं, सिद्ध हुआ।
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राम नाम एक अंक है,
सब साधन है शून्य।
अंक रहे 10 गुण्य (गुणा) है,
अंक गये सब शून्य॥
इसका अर्थ है राम यानी चेतना सहयोग (या संयुक्त हुये) बिना
सभी प्रयास 0 हैं, और 1 राम के जुङते
ही यह 10 या 100 गुणा फ़लदायी हो जाते हैं।
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शादी शुभ या अशुभ?
स्त्री-पुरूष दोनों के नाम के अक्षर और मात्रायें जोङकर 2 का
भाग दिया जाता है। भागफ़ल के बाद यदि शेष
में 0 बचता है तो अशुभ, और यदि शेष अन्य कुछ
भी बचे तो शुभ। अक्षर और मात्रायें जोङने का तरीका नीचे वाले सूत्र से जानें।
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स्त्री-पुरूष दोनों में से किसकी मृत्यु पहले?
स्त्री-पुरूष के नाम के दोनों के अक्षरों का 2 गुना करें।
फ़िर दोनों की मात्राओं का 4 गुणा करें। अब दोनों को जोङ लें। फ़िर 3 का भाग दें।
यदि शेष 0 या 1 बचे, तो पुरूष की मृत्यु
पहले होगी। 2 शेष बचे तो स्त्री की मृत्यु पहले होगी।
पति-पत्नी किसी भी एक के (पूर्व में) मरे होने पर जब इस सूत्र
द्वारा परखा गया तो वह 98% सत्य निकला। सिर्फ़ कुछ अपवाद को छोङकर, जिनमें स्त्री-पुरूष के सही नाम वगैरह पर
संशय था, या नाम बदल दिये गये थे, या
नामों में देवत्व का प्रभाव था। जैसे रामप्रसाद, शंकरलाल,
विष्णुदयाल आदि। देवी-देवता नाम योग वाले परिणाम सामान्य ले ठीक
विपरीत रहते हैं। यानी 0 या 1 बचने पर स्त्री, और 2 बचने पर
पुरूष।
इसके कुछ सत्य उदाहरण देखिये। निम्न उदाहरणों में अधिकांश
चिन्ताहरण आश्रम के पास के निवासियों द्वारा वहीं के स्थानीय लोगों के बताये गये
हैं।
पुष्पा में हुयी 3 अक्षर 2 मात्रायें।
राजीव में 3 अक्षर 2 मात्रायें।
(राजीव पहले मरा)
कैसे - पुष्पा 3 अक्षर,
राजीव में 3 अक्षर, दोनों हुये 6। इसके दोगुने
हुये 12।
अब पुष्पा में उ और अ की 2 मात्रायें। राजीव में अ और ई की 2
मात्रायें। दोनों की मात्रायें मिलाकर 4 हुयी,
और इसके 4 गुणा 16 हुये। अब 12 और 16 को जोङ दें, तो 28 हुये। 28 में 3 का भाग देने से 9 बार गया, और
शेष 1 बचा।
(यह सत्य है कि इसमें राजीव की ही मृत्यु पहले हुयी थी)
साधना में 3 अक्षर 2 मात्रायें।
राजीव में 3 अक्षर 2 मात्रायें।
(साधना पहले मरी)
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सूरजपाल
विमला
(सूरजपाल पहले मरे) विपरीत का उदाहरण
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कृष्णगोपाल
सुषमा
(सुषमा पहले मरी) विपरीत का उदाहरण
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ओमप्रकाश
कमला
(कमला पहले मरीं) विपरीत का उदाहरण
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रमाशंकर 6 अक्षर 1 मात्रा।
अलका 3 अक्षर 1 मात्रा।
(रमाशंकर की मृत्यु पहले हुयी)
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रंगबहादुर
सत्यवती
(सत्यवती पहले मरी)
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सत्यदेव
सरोज
(सत्यदेव पहले मरे)
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रामस्वरूप
रामबेटी
(रामस्वरूप पहले मरे)
क्योंकि दोनों में ही ‘राम’ शब्द लगा था इसलिये सामान्य नियम
में आ गया।
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ऊषा 2 अक्षर 2 मात्रायें।
रामनरेश 5 अक्षर 2 मात्रा।
(रामनरेश पहले मरे)
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कांति 3 अक्षर 2 मात्रायें।
उदयवीर 5 अक्षर 1
मात्रा।
(उदयवीर पहले मरे)
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स्नेहलता 5 अक्षर 2 मात्रायें।
सर्वेश 4 अक्षर 1 मात्रा।
(सर्वेश पहले मरे)
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मानवीर 4 अक्षर 2 मात्रायें।
मिथलेश 4 अक्षर 2 मात्रायें।
(मिथलेश पहले मरी)
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छोटेलाल 4 अक्षर 3 मात्रायें।
ओमवती 4 अक्षर 2
मात्रायें।
(छोटेलाल पहले मरे)
होरीलाल 4 अक्षर 3 मात्रायें।
रामभेजी 4 अक्षर 3 मात्रायें।
(होरीलाल पहले मरे)
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शिबी 2 अक्षर 2 मात्रायें।
शशि 2 अक्षर 1 मात्रा।
(शशि पहले मरी)
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रेखा 2 अक्षर 2 मात्रा।
सतीश 3 अक्षर 1 मात्रा।
(सतीश पहले मरा)
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प्रसिद्ध ऐतिहासिक उदाहरण।
रावण 3 अक्षर 1 मात्रा।
मन्दोदरी 5 अक्षर 2 मात्रायें।
(रावण पहले मरा)
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बालि 2 अक्षर 2 मात्रायें।
तारा 2 अक्षर 2 मात्रायें।
(बालि पहले मरा)
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राम 2 अक्षर 1 मात्रा।
सीता 2 अक्षर 2 मात्रा।
(सीता
पहले मरी)
11 टिप्पणियां:
राजेश
उमा मायाराम
उमा राजेश मैंयह फार्मूला काम नहीं कर रहा है कृपया स्पष्टीकरण दें
Sumit kajal
रामकली लल्लूसीहं
Suraj divyanshi
Subodh or arpita ka btaiye
किसी भी सुझाव के लिए संपर्क करे 9024888151
Himanshu nd vikki
NIKHIL & PRITY
राजेश मरेंगे
शंकर और गीतांजली
Mera Nam sarita pati ka nam shri ram kon pahele marega
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