क्या सोवे सुख नींद । मुसाफिर परदेशी रे ।
क्या सोवे सुख नींद । बटाऊ भोला परदेशी रे ।
क्या सोवे सुख नींद । राम नाम का सुमिरण कर ले ।
हरी का ध्यान हिरदै बिच धर ले ।
साधो भाई रे छोड़ दे कपट का जंजाल । कटेगी तेरी चौरासी रे ।
आगे आगे गाँव ठगा की नगरी । छीन लेगा हीरा की गठड़ी ।
साधो भाई रे बे चोरण का है गाँव । न्याय तेरो कुण करसी रे ?
गगन मण्डल में उरध मुखी कुआ । सब साधन मिल प्रसन्न हुआ ।
साधो भाई रे तरबीणी के घाट उतर । मल मल न्हासी ।
नाथ गुलाब गूरू पूरा पाया । जाल जुलम सब दूर हटाया ।
साधो भाई रे गुण गावै भानीनाथ । गुराजी ल्याया रंगबूटी रे
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प्रकृति के उपहार को पहचानो - प्रकृति यानी परमात्मा ने हर मनुष्य को जीवन ऊर्जा के साथ एक ऐसा उपहार दिया है कि हर मनुष्य प्रतिपल हर रोज अपनी जीवन ऊर्जा के साथ जीता है । लेकिन उससे परिचित नही है । लोग कहते हैं - क्रोध आ जाता है । काम सताता है । मोह सताता है । प्रेम जागता है । हिंसा उत्पन्न होती है । ये सब काम, क्रोध, लोभ, मोह यह हमरे जीवन ऊर्जा के अभिन्न अंग है । इनके बगैर जीवन सम्भव नही है । जिस मनुष्य के पास इनमें से कोई अंग नही है । वह विकलांग की श्रेणी मे आता है । इसलिये मित्रों, इन अंगो को खत्म करने के चक्कर मे अपने जीवन को नष्ट मत करो । काम, क्रोध, लोभ, मोह के द्वारा अपनी ऊर्जा को जान सकते हो ! जैसे की तंत्र साधको द्वारा खजुराहो के मन्दिरो मे इन सारी ऊर्जाओं का वर्णन किया गया है । और इन ऊर्जाओं को जिस दिन मनुष्य जानने में सक्षम हो जाता है । उस दिन मनुष्य भगवान हो जाता है । तो आईये काम, क्रोध, लोभ, मोह को जानने के लिये विश्व चेतना कम्यून खजुराहो मे पधारें । अधिक जानकारी के लिये देखें । शिरोमणि स्वामी ।
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मकोय ( रसभरी ) - आजकल मकोय के फलों का मौसम चल रहा है । मौसमी फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए । यह हर जगह अपने आप ही उग जाती है । सर्दियों में इसके नन्हें नन्हें लाल लाल फल बहुत अच्छे लगते हैं । ये फल बहुत स्वादिष्ट होते हैं । और लाभदायक भी । इसके फल जामुनी रंग के या हलके पीले लाल रंग के होते हैं ।
- मकोय के फल सवेरे सवेरे खाली पेट खाने से अपच की बीमारी ठीक होती है ।
- शहद मकोय के गुणों को सुरक्षित रखकर दोषों को दूर करता है ।
- यह वात, पित्त और कफ नाशक होता है ।
- यह सूजन और दर्द को दूर करता है ।
- शुगर की बीमारी हो । या फिर कमजोरी हो । तो मकोय के सूखे बीजों का पाउडर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें । किडनी की बीमारी हो । तो 10-15 दिन लगातार इसकी सब्जी खाईए । इसके 10 ग्राम सूखे पंचांग का 200 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीयें ।
- बुढापे में हृदय गति कम हो जाए । तो इसके 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीयें । हृदय की किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए 5 ग्राम मकोय का पंचांग और 5 ग्राम अर्जुन की छाल, दोनों को मिलाकर 400 ग्राम पानी में पकाएं । जब एक चौथाई रह जाए तो पी लें ।
- लिवर ठीक नहीं है । पेट खराब है । आंतों में infection है । spleen बढ़ी हुई है । या फिर पेट में पानी भर गया है । सभी का इलाज है - मकोय की सब्जी । रोज़ इसकी सब्जी खाएं । या फिर इसके 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीयें ।
- पीलिया होने पर इसके पत्तों का रस 2-4 चम्मच पानी मिलाकर ले लें ।
- अगर नींद न आये । तो इसकी 10 ग्राम जड़ का काढ़ा लें । अगर साथ में गुड भी मिला लें । तो नींद तो अच्छी आयेगी ही । साथ ही सवेरे पेट भी अच्छे से साफ़ होगा ।
- त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ भी इसके नित्य प्रयोग से ठीक होती हैं ।
- यह सर्दी, खांसी, श्वास के रोग, हिचकी आदि को ठीक करता है ।
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