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सदगुरुदेव तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने दुनिया भर के संतों, गुरुओं, आचार्यों, मंडलेश्वरों धर्माधिकारियों, सभी पंथों के संचालकों को आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा के लिए विनमृ भाव से ललकारा है कि जो ज्ञान उनके पास है । वह ज्ञान पूरे संसार में किसी के पास नही है और जो 3 मंत्र ? सदगुरुदेव तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज देते हैं । केवल वही मंत्र सही हैं । बाकी सभी काल के मन्त्र हैं । अगर किसी को भरम है तो आओ मैदान में शास्त्रार्थ के लिए । ताकि जनता को असल नकल की पहचान हो जाये और सद भगती करके सभी सुखद रहें व काल जाल से छुटकारा पाकर सच्चे परमेश्वर की शरण में सतलोक जा सकें । सदगुरुदेव तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के साथ जो आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा होगी । वह साधना TV Zee जागरण TV चैनल पर जनता को दिखाई जाएगी । सारा खर्च सतलोक आश्रम बरवाला देगा । है किसी माई के लाल की हिम्मत ? तो आओ ।
वक्त जात है । रोवोगे इस पहरे नूं ।,
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ये मैटर (ऊपर) और रामपाल के फ़ोटो मेरे facebook वाल पर श्री कृष्णमुरारी शर्मा, राजस्थान ने पोस्ट किया । इस सहयोग के लिये शर्माजी बहुत बहुत धन्यवाद ।
इस फ़ोटो और मैटर को देखकर हमारे मंडल के शिष्य अशोक ने प्रतिक्रिया की -
आपके facebook ID पर रामपाल की तस्वीर देखी तो एक वाकया जो मेरे साथ अतीत में बीता था । अचानक याद आ गया । बात एक साल से कुछ पहले की है । जब मैं एक पूर्ण गुरु की तलाश में भटक रहा था और मेरी यह खोज नेट पर भी लगातार जारी थी । तभी रामपाल का YouTube पर विभिन्न प्रचलित मतों एवम पंथों पर शास्त्रों द्वारा प्रहार करते देखा तो मैं प्रभावित हुआ और जब बेवसाइट पर उनकी यह घोषणा देखी कि - इस समय केवल उन्हीं के पास असली तत्व ज्ञान है और कहीं नहीं । तो मैं उनके पास जाने की घटा जोड़ में लगा रहता ।
एक दिन मेरा साला रोहतक से आया तो मैंने उससे रामपाल के बारे में बात की । तो उसने सुनते ही मना कर दिया और कहा कि - जीजाजी किस चोर के चक्कर में पड़ रहे हो । इसे तो रोहतक से लोगों ने भगाया है ।
खैर..मैंने उसे अपने साथ चलने के लिए किसी तरह राज़ी कर लिया ।
27-5-2012 को मैं घर से 8 बजे पुरानी दिल्ली से रोहतक से कुछ आगे (स्टेशन का नाम याद नहीं) और वहां से आगे निर्देशानुसार टेम्पों में बैठ गया । कोई 3-4 घंटे में हम सतलोक आश्रम चंडीगढ़ रोड बरवाला पहुँच गए । रात हो चुकी थी सो आश्रम में सब सामान जमा कराया और 4-5 जगह तलाशी देने के बाद पंडाल में पहुँच गया । वहां करीब 2-3 हज़ार लोग मौजूद थे । खाना खाकर हम लोग पंडाल में ही लेट गए और करीब 9 बजे रामपाल ने सतसंग के नाम पर जो प्रचलित पन्थों की टांग घसीटी की । वो आज तक याद है ।
कबीर साहेब तो कहते थे कि -
निंदक नियरे राखिये आँगन कुटी छवाय ।
बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय ।
पर रामपाल जी तो खुद ही निंदक की भूमिका भी बखूबी निभा लेते हैं ।
खैर.. सुबह तक मन को समझाते हुए मैंने दीक्षा की लाइन में लग कर अपना नाम लिखाया और दीक्षा मिलने के स्थान पर बैठ गया । दीक्षा का स्थान पंडाल में ही था । तथा उस स्थान को चारों तरफ से कनातों से घेर दिया । ताकि पंडाल में बाकी उपस्थित लोग यहाँ की गतिविधियों को न देख सकें । टीवी आन कर दिया गया । ये सब इंतजाम 10-18 साल के 7-8 लड़के ही कर रहे थे । टीवी पर रामपाल प्रकट हुए और मन्त्र की रट्टाफिकेशन करायी । परन्तु मेरे मन में मन्त्र को सुनते ही एकाएक सवाल कौंधा कि - ये मन्त्र तो काल के हैं । और ये रामपाल काल के बाल की खाल निकालने वाला ही काल के जाल में फंसा रहा है ।
रामपाल ने टीवी से ही शायद मेरा सवाल भांप लिया और कहा कि - ये काल के नाम हैं और क्योंकि हम काल के करजाई हैं । इन नामों से आप काल का कर्जा चुकाकर आगे फिर एक साल में दोबारा दूसरे मन्त्र की दीक्षा के लिए आयें । मैं ये सब सुनकर अपने को ठगा सा महसूस कर रहा था कि यार अशोक तू इस नाम के लिए अपने घरवालों से लड़ झगड़ कर आया था । या इस नाम की कीमत मेरे काम धंधे के हर्ज़े से ज्यादा है ।
देखिये क्या मन्त्र दिया था रामपाल ने -
1 सत सुकृत अविगत कबीर
2 ॐ ॐ ॐ ॐ
3 हरियम हरियम हरियम हरियम
4 श्रीयम श्रीयम श्रीयम श्रीयम
5 किलियम किलियम किलियम किलियम
6 सोहम सोहम सोहम सोहम
7 सत्यम सत्यम सत्यम सत्यम
ये सब मन्त्र तो मैंने किताबों में पढ़े थे पर आखिरी वाला न्यूज़ चैनलों में ज्यादा सुना था - सत्यम । जो कि राजू लिंगम की कंपनी थी और करोड़ों के घपले की वजह से सरकार के कब्ज़े में आ गयी थी ।
खैर मैंने मन को बहुत समझाया कि - यार दुनिया में बहुत से ठग घूमते रहते हैं । एक बार हम भी ठगे गए तो कौन सी बड़ी बात हो गयी । हालाँकि वहाँ मैंने खाने पीने और रहने के हिसाब से थोड़े से ही ज्यादा पैसे दिए थे । परन्तु बात पैसों की ठगी की नहीं थी । मेरी खोजी प्रवृत्ति को बड़ी ठेस लगी थी ।
ये ब्लॉग वाला बाबा भी न जाने किस घङी की इन्तजार में छिपा बैठा था । जो उस समय प्रकट ही न हुआ था और जब रातों को खूब रुलाया । सिसकियाँ सुनी । तब जाकर कहीं पसीजा और प्रकट हुआ ये कठोर बाबा ।
उसके बाद की कहानी तो ब्लॉग पर पहले से ही मौजूद है पर धीरे धीरे बाद में पता चला कि जितना ये ऊपर से कठोर (दिखावटी) है । अन्दर से उतना ही दयालु और नरम (ये मेरा निजी अनुभव है । इसलिये इसे अन्यथा न लें)
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- दिल्ली से एक सब इंस्पेक्टर ने मुझे फ़ोन पर बताया । साहिब बन्दगी वाले परमहंस दीक्षा के नाम पर ‘सतगुरु सतनाम’ मंत्र देते हैं । 100-200 लोगों की भीङ को स्टेज से कह देते हैं - इसी का मुँह (वाणी) से (सतगुरु सतनाम) निरंतर जाप करिये, आपकी पात्रता अनुसार लाभ होगा । उन्होंने कई महीनों तक किया । कोई लाभ नहीं हुआ ।
- ये कुछ समस्याओं को लेकर परेशान थे तो किसी ने सलाह दी - जीसस के यहाँ प्रार्थना कराओ । लाभ होगा । ये ईसाई प्रार्थना शिविरों में गये और वहाँ का (नाटकीय) आडम्बर साफ़ देखा ।
इन्होंने कहा - क्योंकि यह पुलिस विभाग से हैं । अतः तुरन्त इन्हें समझ आ गया कि - झूमना, नाचना, गिरना टायप आडम्बर किराये के प्रशिक्षित लोग कर रहे थे । इन्हें जीसस ड्रामा फ़ुल ढोंग लगा ।
- फ़िर ये दिल्ली में ही (अभी की निलम्बति राधे माँ जैसी) एक देवी जी (या शायद गुरु माँ..फ़ोन डिस्टर्ब से ठीक समझ नहीं आया) के नाम से प्रसिद्ध महिला के पास गये । जिसके पास बङे बङे उच्च पदों पर बैठे न्यायाधीश जैसे लोग भी आते हैं । लेकिन वह समाधान तो दूर कोई संतोषजनक उत्तर भी नहीं दे सकी ।
- अभी कुछ समय पूर्व एक ठगी प्रकरण TV पर काफ़ी चर्चा में रहा । जिसमें एक व्यक्ति ने ‘कुमार स्वामी’ के ऊपर पुलिस में शिकायत दर्ज कर धोखाधङी का आरोप लगाया था । शायद आप लोगों ने भी देखा हो । यह एक गूँगे बच्चे का केस था । उससे 21 000 रुपये मंगाकर एक लैटर पैड पर कोई दुर्गा स्तुति जैसा पाठ करने को कहा । उसने किया । कोई लाभ नहीं । पैसा वापिस माँगा । कोई जबाब नहीं । उसने FIR की । कुमार ने तुरन्त उसे पर्सनली बुलाकर मामला आनन फ़ानन सुलझाया ।
इसी केस में TV रिपोर्टर द्वारा पूछने पर कुमार ने कहा - उन्हें कोई सिद्धि, कोई कुन्डलिनी आदि जागृत नहीं है । वे सिर्फ़ शास्त्र अनुसार बीज मंत्र - ह्यीं श्रीं क्लीं रीं आदि आदि देते हैं । जिनका शास्त्र लिखे अनुसार ही फ़ायदा हो सकता है ।
उन्होंने रिपोर्टर से स्पष्ट कहा - मेरे में कोई खास बात नहीं । आप (मतलब कोई भी) पढ़ कर दोगे । तो उससे भी फ़ायदा होगा ।
- बहुप्रसिद्ध राधास्वामी पंथ से हमारे मंडल के शिष्य अशोक काफ़ी लम्बे समय तक जुङे रहे । वह इसकी शुरूआत तुलसी साहब से शिवदयाल और फ़िर बाद तक की अन्दरूनी जानकारी शीघ्र ही अपने शब्दों में बतायेंगे ।
लेकिन फ़िलहाल राधास्वामी वाले -
1 ज्योति निरंजन 2 ॐकार 3 ररंकार 4 सोऽहंग 5 सतनाम ।
ये पंचनामा (मन ही मन मगर वाणी से जपने को) देते हैं । जाहिर है उन्हीं के वर्णन के अनुसार ये निर्वाणी (बिना वाणी के) नहीं है । जबकि उनकी समस्त व्याख्या निर्वाणी की बात करती है ।
- आशाराम बापू के आशाराम चालीसा में ‘सोऽहंग’ मंत्र का जिक्र आता है कि उन्होंने यही जपा । लेकिन आशाराम के शिष्य बताते हैं कि आशाराम ॐ नम शिवाय, ॐ नम भगवते वासुदेवाय, ॐ हरि, राधे राधे, राधे कृष्ण, सोऽहंग (मगर मुँह से जपने को) आदि आदि as you like it तर्ज पर वाणी मंत्र देते हैं ।
विशेष - उपरोक्त में 1 भी मंत्र परमात्मा की भक्ति का तो छोङो । काल (द्वैत) का भी नहीं है । क्योंकि जैसे ये मन्त्र बँट रहे हैं । उस तरह से कभी मंत्र जाप नहीं होते ?
आध्यात्म के क्षेत्र में सर्वोच्च ये है - मेरा भारत महान । जयहिन्द ।
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माला फेरत जुग भया । फिरा न मन का फेर ।
कर का मनका डार दे । मन का मनका फेर ।
- क्या है इन मंत्रों की असलियत ? और क्या होता है इनसे लाभ ? आपको जल्द बतायेंगे । लेकिन तब तक आपसे अनुरोध है कि आपको उपरोक्त या इसके अलावा कोई अन्य मंत्र देने के बारे में जानकारी हैं तो कृपया जन जाग्रति हेतु अवश्य बतायें ।
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The teachers, the gurus, the mahatmas, the philosophers, have all led us astray, because actually we have not solved our problems, our lives are not different. We are the same miserable, unhappy, sorrow-laden people.
So the first thing is never to follow another, including the speaker. Never try to find out from another how to behave, how to live. Because what another tells you is not your life. If you rely or depend on another you will be misled.
But if you deny the authority of the guru, the philosopher, the theoretician - whether Communist or theological - then you can look at yourself, then you can find the answer.
But as long as one relies and depends on another, however wise he may be, one is lost. The man who says he knows, does not know. So the first thing is never to follow another and that is very difficult because we don't know what to do; we have been so conditioned to believe, to follow.
18 टिप्पणियां:
जो ज्यादा चालाक समझता है उसको लाभ नहीं होता ये आपकी मूर्खता है कैंसर जैसे लोग ठीक हुए क्यूंकि उन्होंने श्रद्धा से नाम लिया चातुरी से नहीं।
हं जाओ नाले में
Rampal ka ajpa mantra
Om sohang satt sukrat
Out in out in
Tum khud murkh ho
Diksa dijia homku guruji
मैंक्या टिप्पणी लिखो मेरे तो गुरुदेवरामपालजी जी हैं मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता और ज्ञान सब ज्ञान डीकबीर ज्ञान सो ज्ञान जैसे गोला तोप का करता चले मैदान
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल
दास महाराज की जय हो
भाई संत रामपाल जी पर भरोसा करे ओर अपने आपको मूर्ख समझकर संत की शरण में जाए भगवान अकलमंद को अकाल नहीं मूर्ख को सद्भुद्दी देता है सत् साहेब
Sat shaheb. Sant rampal ji maharaj ko Koti Koti pranam.
Sat sahav parmatma sant rampal ji Maharaj
Sahi baat
Raampal ji hi wo tatvdarshi sant hai jise tumne nhi pehchana aur ashok ji aap abhi itne bade nhi hue ki purn Guru ki pehchan kr sako tum nkli guro k pass dhakka khalo phle tum isi ke layak ho
Mujhe teeno mantr batao
Ye to sab ko pata hai
Guru Nanak Dev ki wani men
3 mantro ke liye bola hai
Aapko esa nahi bolna chahiye.kyunki aap bhi bhagwan ko Jante ho ki ooski najar me sab ooske bachhe h.to blogger bhi unhika bachha h.aaone unhe kyu kaha nale me jao🖐️ye galat baat h.
Duniya me filhal Rampal Ji ke alawa koi puran sadguru nhi h
Om soham satyam
Pura duniya me ek matra sant hai santa rampal ji maharaj jo ki moksha ka rasta batate hai..... Mera aapna anubbab hai muje heart problem thi Maine nam diksha liye or jse labh hua.. Sat saheb 🙏 🙏
सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में दंडवत प्रणाम
कुछ लोग sant rampal ji maharaj जी के gyan को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं आप एक बार gyan ganga book अवश्य पड़े
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