गुरूजी सादर प्रणाम ! मेरे मन में एक प्रश्न था । वो ये है के हमारे यहाँ राजस्थान में ओम बन्ना का काफी बोलबाला हो रहा है । उनके पीछे की कहानी मैंने दोस्तों से सुनी भी है । और इंटरनेट के जरिये पढ़ी भी है । वो कहानी मैं भेज रहा हूँ । मैं सिर्फ ये जानना चाहता हूँ कि - ये क्या सच हो सकता है क्या ? या फिर यूँ ही लोगो का अन्धविश्वास है । और साथ ही साथ ये भी जानना चाहता हूँ कि इस कहानी या घटना के बारे में आपकी क्या राय है ।
स्टार one पर एक एपिसोड भी इनके बारे में आया था । मैं उसका लिंक यहाँ दे रहा हूँ । साथ ही उनकी कुछ फ़ोटो भी आपेको मेल कर रहा हूँ !
उनके बारे में जो पढ़ा । या सुना है । वो ये है कि जोधपुर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोधपुर से पाली जाते वक्त पाली से लगभग 20 km पहले रोहिट थाने का " दुर्घटना संभावित " क्षेत्र का बोर्ड लगा दिखता है । और उससे कुछ दूर जाते ही सड़क के किनारे जंगल में लगभग 30 से 40 प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती हैं । और साथ ही नजर आता है - भीड़ से घिरा एक चबूतरा । जिस पर एक बड़ी सी फोटो लगी । और हर वक्त जलती ज्योति । और चबूतरे के पास ही नजर आती है - एक फूल मालाओं से लदी बुलेट मोटर साईकिल । यह वही स्थान है । और वही मोटर साइकिल । जिसका मैं परिचय कराने जा रहा हूँ ।
यह " ओम बना " का स्थान है । ओम बना ( ओम सिंह राठौड़ ) पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के
ठाकुर जोग सिंह जी राठौड़ के पुत्र थे । जिनका इसी स्थान पर अपनी इसी बुलेट मोटर साईकिल पर जाते हुए 1988 में एक दुर्घटना में निधन हो गया था । स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाया करता था । जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी । उसी जगह पता नहीं । कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते । यह रहस्य ही बना रहता था । कई लोग यहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जान गँवा चुके थे । ओम सिंह राठोड की दुर्घटना में मृत्यु के बाद पुलिस ने अपनी कार्यवाही के तहत उनकी इस मोटर साईकिल को थाने लाकर बंद कर दिया । लेकिन दूसरे दिन सुबह ही थाने से मोटर साइकिल गायब देखकर पुलिस कर्मी हैरान थे । आखिर तलाश करने पर मोटर साईकिल वही दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई । पुलिस कर्मी दुबारा मोटर साईकिल थाने लाये । लेकिन हर बार सुबह मोटर साईकिल थाने से रात के समय गायब हो दुर्घटना स्थल पर ही अपने आप पहुँच जाती । आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह की मृत आत्मा की यही इच्छा समझ उस मोटर साईकिल को उसी पेड के पास छाया बनाकर रख दिया । इस चमत्कार के बाद रात्रि में वाहन चालको को ओम सिंह अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे । वे उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते या धीरे कर देते । ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने । और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुयी ।
ओम सिंह राठौड़ के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक काम करते देखे जाने पर वाहन चालकों व स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रद्धा बढ़ती गयी । और इसी श्रद्धा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है । उस राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहाँ रुककर ओम बना को नमन कर ही आगे बढ़ता है । और दूर दूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमे अपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे व उनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते हैं । कौशलेंद्र नागौरिया
Om Banna पर star one पर प्रसारित होने वाले एक serial के episod का link
http://www.youtube.com/watch?v=YGgE8o8KPfw
उत्तर शीघ ही
स्टार one पर एक एपिसोड भी इनके बारे में आया था । मैं उसका लिंक यहाँ दे रहा हूँ । साथ ही उनकी कुछ फ़ोटो भी आपेको मेल कर रहा हूँ !
उनके बारे में जो पढ़ा । या सुना है । वो ये है कि जोधपुर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोधपुर से पाली जाते वक्त पाली से लगभग 20 km पहले रोहिट थाने का " दुर्घटना संभावित " क्षेत्र का बोर्ड लगा दिखता है । और उससे कुछ दूर जाते ही सड़क के किनारे जंगल में लगभग 30 से 40 प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती हैं । और साथ ही नजर आता है - भीड़ से घिरा एक चबूतरा । जिस पर एक बड़ी सी फोटो लगी । और हर वक्त जलती ज्योति । और चबूतरे के पास ही नजर आती है - एक फूल मालाओं से लदी बुलेट मोटर साईकिल । यह वही स्थान है । और वही मोटर साइकिल । जिसका मैं परिचय कराने जा रहा हूँ ।
यह " ओम बना " का स्थान है । ओम बना ( ओम सिंह राठौड़ ) पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के
ठाकुर जोग सिंह जी राठौड़ के पुत्र थे । जिनका इसी स्थान पर अपनी इसी बुलेट मोटर साईकिल पर जाते हुए 1988 में एक दुर्घटना में निधन हो गया था । स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाया करता था । जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी । उसी जगह पता नहीं । कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते । यह रहस्य ही बना रहता था । कई लोग यहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जान गँवा चुके थे । ओम सिंह राठोड की दुर्घटना में मृत्यु के बाद पुलिस ने अपनी कार्यवाही के तहत उनकी इस मोटर साईकिल को थाने लाकर बंद कर दिया । लेकिन दूसरे दिन सुबह ही थाने से मोटर साइकिल गायब देखकर पुलिस कर्मी हैरान थे । आखिर तलाश करने पर मोटर साईकिल वही दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई । पुलिस कर्मी दुबारा मोटर साईकिल थाने लाये । लेकिन हर बार सुबह मोटर साईकिल थाने से रात के समय गायब हो दुर्घटना स्थल पर ही अपने आप पहुँच जाती । आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह की मृत आत्मा की यही इच्छा समझ उस मोटर साईकिल को उसी पेड के पास छाया बनाकर रख दिया । इस चमत्कार के बाद रात्रि में वाहन चालको को ओम सिंह अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे । वे उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते या धीरे कर देते । ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने । और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुयी ।
ओम सिंह राठौड़ के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक काम करते देखे जाने पर वाहन चालकों व स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रद्धा बढ़ती गयी । और इसी श्रद्धा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है । उस राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहाँ रुककर ओम बना को नमन कर ही आगे बढ़ता है । और दूर दूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमे अपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे व उनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते हैं । कौशलेंद्र नागौरिया
Om Banna पर star one पर प्रसारित होने वाले एक serial के episod का link
http://www.youtube.com/watch?v=YGgE8o8KPfw
उत्तर शीघ ही
1 टिप्पणी:
Thanks for sharing, nice post! Post really provice useful information!
Giaonhan247 chuyên dịch vụ mua hàng mỹ từ dịch vụ order hàng mỹ hay nhận mua nước hoa pháp từ website nổi tiếng hàng đầu nước Mỹ mua hàng ebay ship về VN uy tín, giá rẻ.
एक टिप्पणी भेजें