01 अगस्त 2016

आत्मा से जीव तक

निहतत से कैसे तत्त भया ? निरगुन ते गुणवंत ?
निहकर्म ते कैसे कर्म भया ? कहो समझ त्रितंत ।
सकल साज एक बूंद में ? जानत नाहीं कोय ।
कहें कबीर जिन जिव भूले । परमपरे भर्म सोय ।


यह चित्र बहुत लोगों को अधिक कठिन लगा । तो सरलता से समझने हेतु दूसरा सरल चित्रांकन किया ।



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सत्यसाहिब जी सहजसमाधि, राजयोग की प्रतिष्ठित संस्था सहज समाधि आश्रम बसेरा कालोनी, छटीकरा, वृन्दावन (उ. प्र) वाटस एप्प 82185 31326