राजीव जी ! नमस्कार ! सबसे पहले तो आपको धन्यवाद " सत्यकीखोज " एक बेहतर ब्लॉग के लिए । मैंने कल शाम आपसे मोबाइल पर बात करी थी । याद आया बीकानेर से । हाँ ! अब याद आ गया आपको ।
राजीव जी ! पिछले 3 दिनों में मैंने आपके इस ब्लॉग के वो सभी पोस्ट पढ़ लिए । जिनमें मुझे रूचि थी । वैसे तो सभी पोस्ट अपने आप में अच्छे हैं । मगर मुझे वो पोस्ट काफी अच्छे लगे । जिसमे आपने अपने गुरु जी के माध्यम से बताया है कि - इस धरा पर संक्रमण काल चल रहा है । और जल्द ही एक नया अभिर्भाव इस सृष्टि पर होने जा रहा है ।
हमारे पूज्य गुरुवर स्वामी...... जी अवधूत महाराज ( 125 वर्षीय ) ( आपसे अनुरोध है कि इन स्वामी अवधूत का नाम आप अगर इस मेल को ब्लॉग में लिखते हो । तो इनका नाम ना लिखे ) भी संकेतो में यही बताते है कि - इस धरती पर काफी संत और सिद्ध है । जो इस धरती को मुख्यत भारत । जो कि अभी विभिन्न खंडो में विभाजित है । उसको पुन: आर्यावर्त । जो पुरातन काल में था । उसके निर्माण में
युगों से लगे हुए है ।
मगर कोई ना कोई व्यवधान उत्पन्न होता रहता है । मगर अब समय ज्यादा दूर नहीं है । और जल्द ही समय परिवर्तन होने वाला है ।
हमारे आस पास के लोगो को जब मैं इस बारें में चर्चा करता हूँ । तो वो हँसते हैं । और इसे केवल ख्याली पुलाव बतातें हैं । मगर मुझे पता है कि इस महान कार्य में कई लोग लगे हुए है । जो अनवरत अपने इस निस्वार्थ कार्य में लगे हुए है
। आपके गुरुदेव और आपको इस पुण्य कार्य में संलग्नता के लिए शत शत नमन !
आपका ही - दीपक कुमार जैन
राजीव जी ! पिछले 3 दिनों में मैंने आपके इस ब्लॉग के वो सभी पोस्ट पढ़ लिए । जिनमें मुझे रूचि थी । वैसे तो सभी पोस्ट अपने आप में अच्छे हैं । मगर मुझे वो पोस्ट काफी अच्छे लगे । जिसमे आपने अपने गुरु जी के माध्यम से बताया है कि - इस धरा पर संक्रमण काल चल रहा है । और जल्द ही एक नया अभिर्भाव इस सृष्टि पर होने जा रहा है ।
हमारे पूज्य गुरुवर स्वामी...... जी अवधूत महाराज ( 125 वर्षीय ) ( आपसे अनुरोध है कि इन स्वामी अवधूत का नाम आप अगर इस मेल को ब्लॉग में लिखते हो । तो इनका नाम ना लिखे ) भी संकेतो में यही बताते है कि - इस धरती पर काफी संत और सिद्ध है । जो इस धरती को मुख्यत भारत । जो कि अभी विभिन्न खंडो में विभाजित है । उसको पुन: आर्यावर्त । जो पुरातन काल में था । उसके निर्माण में
युगों से लगे हुए है ।
मगर कोई ना कोई व्यवधान उत्पन्न होता रहता है । मगर अब समय ज्यादा दूर नहीं है । और जल्द ही समय परिवर्तन होने वाला है ।
हमारे आस पास के लोगो को जब मैं इस बारें में चर्चा करता हूँ । तो वो हँसते हैं । और इसे केवल ख्याली पुलाव बतातें हैं । मगर मुझे पता है कि इस महान कार्य में कई लोग लगे हुए है । जो अनवरत अपने इस निस्वार्थ कार्य में लगे हुए है
। आपके गुरुदेव और आपको इस पुण्य कार्य में संलग्नता के लिए शत शत नमन !
आपका ही - दीपक कुमार जैन
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