26 मार्च 2010

हनुमान जी के जन्म की कहानी..1

बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ ?  श्रीराम के पद स्पर्श से पत्थर से औरत बनी अहिल्या हनुमान जी की नानी थीं ।
और गौतम ऋषि उनके नाना थे । हनुमान की माता अंजनी गौतम की पुत्री थीं ।
ये बात बहुत से लोगो को पता है कि इन्द्र अहिल्या की सुन्दरता पर आसक्त हो गया था ।
उसने एक दिन एक चाल चली । उसे पता था । गौतम सुबह चार बजे गंगा स्नान के लिये जातें हैं । उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर एक दिन रात के दो बजे सूर्य निकलने जैसा प्रकाश फ़ैला दिया । और उसके साथी ने मुर्गे की नकली मगर हूबहू बांग निकाली ।
होनी ही थी, कि गौतम ने उसे सच समझा । और गंगास्नान के लिये चले गये । उधर इन्द्र ने गौतम का वेश बनाकर अहिल्या के साथ संभोग किया ।
वास्तव में थोडी ही देर में अहिल्या को पता चल गया कि उसके साथ संभोग करने वाला कोई कपटी है । लेकिन उसने कोई एतराज नहीं किया । अंजनी किसी दरार से यह दृश्य देख रही थी ।


बाद में जब अहिल्या को पता चला कि अंजनी ने उसके साथ छ्ल होते देख लिया है । उसने अंजनी से कहा कि वह ये बात अपने पिता को न बताये । लेकिन अंजनी ने उसकी बात मानने से साफ़ इंकार कर दिया ।
तब क्रोधित होकर अहिल्या ने उसे शाप दे दिया कि मैं तो करे हुये का भोगूंगी । पर तू बिना किये का ही भोगेगी ??
उधर थोडी ही देर में गौतम को पता चला कि उनके साथ छ्ल हुआ है । उन्होने वहीं ध्यान लगाया और सारा हाल जान लिया । अब उनके मन में एक ही बात थी कि देखें अहिल्या इस बात को छुपाती है । या बता देती है ।
ऐसा ही हुआ । अहिल्या इस बात को छुपा गयी । और गौतम ने उसे पत्थर की हो जाने का शाप दे दिया । उस समय अहिल्या क्रोध में थी । क्योंकि गौतम ने अंजनी से जब छल के बारे में पूछा । तो अंजनी ने साफ़ साफ़ सच बता दिया ।
इसीलिये अहिल्या ने अंजनी को शाप दिया कि वो बिना करे का भुगतेगी । इस पर अंजनी ने दृणता से कहा कि वह अपने जीवन में किसी पुरुष की छाया भी अपने ऊपर नहीं पडने देगी । ऐसा कहकर वह उसी समय निर्जन वन में तप करने चली गयी । और अहिल्या ऋषि के शाप से पत्थर की हो गयी ।

कृमशः ( दूसरा  भाग इसी के साथ प्रकाशित है । )

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सत्यसाहिब जी सहजसमाधि, राजयोग की प्रतिष्ठित संस्था सहज समाधि आश्रम बसेरा कालोनी, छटीकरा, वृन्दावन (उ. प्र) वाटस एप्प 82185 31326