19 अक्टूबर 2012

और फ़िर कितने इतिहास लिखे हमने ?



जिंदगी अब जैसे मेरे लिये 0 हो चुकी है । किसी हवा में फ़ङफ़ङाते पन्नों वाली इतिहास की किताब जैसी । जिंदगी भी जैसे इतिहास ही हो गयी है । कालातीत । शब्दातीत । जीवन की जैसे कोई स्फ़ुरणा नहीं । यादों की हवा ही शेष है । हवा के झोंके आते हैं । निरुद्देश्य सा कोई भी पन्ना खुल जाता है । जिस पर ( अब ) नीरस इतिहास सा लिखा हुआ है । इतिहास रोचक होता है । रोचक लगता है । पर वह इतिहास होता है । रामायण । महाभारत । कृष्ण अवतार जैसे प्रसंग रोचक लग सकते हैं । पर हम जानते हैं । वे सिर्फ़ इतिहास हैं । समय की किताब पर लिखे - अक्षर । और शब्द । और वाक्य । और पैराग्राफ़ । और पृष्ठ । और अध्याय । और फ़िर किताब । और फ़िर किताब 2 । किताब 3 । किताब असंख्य । न जाने कितनी किताबें लिखी हैं हमने ? हवा शांत है । हवा चलती है । किताब का कोई भी पन्ना स्वतः खुल जाता है । उस पर कुछ भी लिखा हो सकता है । हाँ ! कुछ भी । वही अक्षर शब्द वाक्य पैराग्राफ़ । फ़िर कुछ पृष्ठ । कुछ देर के लिये साकार हो जाते हैं । जैसे मुर्दे उठ खङे हुये हों । या समय चक्र यकायक वर्तमान से अतीत में चला गया हो । पर मैं भलीभांति जानता हूँ । वह इतिहास ही है । और इतिहास रोचक होता है । रोचक लगता है । पर वह इतिहास ही होता है । और फ़िर कितने इतिहास लिखे हैं हमने ? सुखद इतिहास । दुखद इतिहास । कामना इतिहास । वैराग्य इतिहास । योग इतिहास । वियोग इतिहास । इतिहास ही इतिहास । बस सिर्फ़ इतिहास । और इतिहास रोचक होता है । रोचक लगता है । पर वह इतिहास ही होता है । इसलिये जिंदगी अब जैसे मेरे लिये 0 हो चुकी है । जिंदगी के मैदान में अनगिनत पुस्तकें बेतरतीब इतिहास सी पङीं हैं । हवा शांत है । हवा चलती है । कितने ही पन्ने निरुद्देश्य फ़ङफ़ङा कर खुलते बन्द होते हैं । पर सिर्फ़ इतिहास के ? कितना रहस्यमय है - ये इतिहास ? अभी कुछ वर्तमान था । मगर सिर्फ़ 1 क्षण के लिये । अगले ही क्षण इतिहास हो गया । कितना भयंकर दैत्य भी है  - ये इतिहास ? सब कुछ जैसे तुरत फ़ुरत निगलने को आतुर । किसी ब्लैक होल जैसा । इसीलिये मैं सोचता हूँ । है ना मजे की बात । हम लिखते हैं । और ये छीन लेता है । तुरन्त । फ़ौरन से पहले । और तब बचता है । सिर्फ़ - 0 । 0 । 0 । और 0 । इसीलिये जिंदगी अब जैसे मेरे लिये 0 हो चुकी है । बुद्ध कहते हैं - अन्दर भी कुछ नहीं । सिर्फ़ - 0 ही है । योगी योग ग्रन्थ भी कहते हैं - 0 में ध्यान लगाओ । मैंने सोचा । क्या ध्यान लगाना ? अन्दर 0 । बाहर 0 । स्वपनवत । इतिहास । 1 मजाक जैसा । ध्यान लगाओ । ध्यान इतिहास । ज्ञान लगाओ । ज्ञान इतिहास । ज्ञान ध्यान योग वैराग । सभी

इतिहास । और इतिहास सिर्फ़ मजाक है । सिर्फ़ मजाक । और मजाक इसलिये कि कोई इसे बहुत गम्भीरता से लेता है । और कोई एकदम हल्के । और किसी का तो इससे कोई वास्ता ही नहीं । तो है ना मजाक ? खट्टा मीठा कङवा नमकीन तीखा मजाक । जैसा स्वाद आप लेना चाहे । वैसा मजाक । और मजाक को गम्भीरता से कैसे लिया जा सकता है ? इसीलिये जिंदगी अब जैसे मेरे लिये 0 हो चुकी है । और ये 0 बङा रहस्यमय है । भयानक डरावना खौफ़नाक 0 । और शांत शीतल सुखदायक आनन्ददायी 0 । सरस 0 । और नीरस 0 । सिर्फ़  0 । 0 । 0 । और 0 । हवा शांत है । हवा चलती है । झोंके आते हैं । निरुद्देश्य सा कोई पन्ना खुल जाता है । क्या लिखा है - इस पृष्ठ पर ? कोई सुख । कोई दुख । कोई आशा । कोई निराशा । कोई उतार । कोई चढाव । कोई राग । कोई द्वेष । कोई आरम्भ । कोई अन्त । फ़िर सब अन्त । अन्त यानी 0 । सिर्फ़  0 । 0 । 0 । और 0 । शायद इसलिये जिंदगी अब जैसे मेरे लिये 0 हो चुकी है । अन्दर 0 । बाहर 0 । सिर्फ़  0 । 0 । 0 । और 0 । 0

आकाश । एकदम शांत । शीतल । वायु रहित । स्फ़ुरणा रहित । प्रकाश रहित । अंधकार रहित । निशब्द आनन्ददायी विराट आकाश । 0 आकाश । किसी बच्चे के बेहद बङे कोरे चित्र पृष्ठ सा । drawing page सा । और इसी 0 आकाश में । मैं भाव सृष्टि करता हूँ । वैचारिक निर्माण । मूर्त । अमूर्त कलाकृतियाँ । बार बार । रंग बिरंगी । सुन्दर । बदरंग । नाशवान सृष्टि । सामयिक सृजन । यथोचित कृति । मैं । और मेरी रची सृष्टि । मैं ? मैं यानी 1 । शाश्वत । अजर । अमर । अविनाशी - आत्मा । एकोह्म द्वितीयोनास्ति । अपनी मढी में । आप मैं खेलूँ । खेलूँ खेल स्वेच्छा ।

तुम जो भी 1 औरत को देते हो । वह उसमे बढ़ोतरी करके वापस करती है । यदि आप उसे 1 मकान देते हैं । तो वह आपको 1 घर देती है । यदि आप उसे अन्न देते हैं । तो वह आपको भोजन देती है । यदि आप उसे 1 मुस्कान देते हैं । तो वह .. वह आपको दिल देती है । जो भी औरत को प्राप्त होता है । वह उससे कईं गुना बढ़ोतरी करके वापस करती है । तो अगर आप उसे किसी भी तरह की परेशानी देते हैं । तो बदले में उससे कईं गुना ज्यादा परेशानियां पाने के लिए तैयार हो

जाईये ।

Attitude of Girls - When a Boy Sends a Dirty SMS. She Laughs For 10 Minutes . Forwards that to Her Friends ( Girls ) Then Replies to the Boy - Eww ! I don't like such stuff . I am not that kind of girl .

Question - How To Kill An Ant ? Asked In An Exam For 10 Marks !
Student - Mix Chilli Powder With Sugar & Keep It Outside The Ant's Hole.
After Eating Ant Will Search For Some Water Near A Water Tank. Push Ant In To It. Now Ant Will Go To Dry Itself Near Fire, When It Reaches Fire, Put A Bomb Into D Fire. Then Admit Wounded Ant In ICU.! =O And Then Remove Oxygen Mask From It's Mouth And Kill The Ant.

MORAL - Don't Play With Students. They Can Do Anything For 10 Marks.

A Heart Opening Real Life Story - Binti Jua is a western lowland gorilla female in the Brookfield Zoo, in Brookfield, Illinois. Binti is most well known for an incident which occurred on 16 Aug 1996 when she was 8 years old.A 3 year old boy climbed the wall around her zoo enclosure and fell 18 feet onto concrete below, rendering him unconscious with a broken hand and a vicious gash on the side of his face. Binti walked to the boy’s side while helpless spectators screamed, certain the gorilla would harm the child. Another larger female gorilla approached, and Binti growled.Binti picked up the child, cradling him with her right arm as she did her own infant, gave him a few pats on the back, and carried him 18 meters ( 59 ft ) to an access entrance, so that zoo personnel could retrieve him. Her 17 month old baby, Koola, clutched her back throughout the incident. The boy spent 4 days in the hospital and

recovered fully.

Having a girlfriend or boyfriend is not love.. But..Having someone in ur life on whom u have blind faith that even if u hurt them to extreme,they will still hold ur hand n say - I WAS I AM N I'LL ALWAYS BE YOURS That's love. that's life♥

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मेरे बारे में

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सत्यसाहिब जी सहजसमाधि, राजयोग की प्रतिष्ठित संस्था सहज समाधि आश्रम बसेरा कालोनी, छटीकरा, वृन्दावन (उ. प्र) वाटस एप्प 82185 31326