Deepak Arora - अब मैं विश्व प्रसिद्ध दिवंगत राजीव दीक्षित की बात करूँगा । एक आंतरिक योगी होने के नाते मैं जानता ( देखा ) हूँ । राजीव दीक्षित इस समय पक्षी योनि में चील पक्षी के रूप में है । ये मैंने आपको सिर्फ़ जानकारी ही दी है । ( मेरे लेख का अंश )
How do you know that ? kya ham bhi kisi ki past life ya next life jaan sakte hai ?
उत्तर - जी हाँ ! जान सकते हैं । योग में इसके बहुत तरीके हैं ।
Yashpal Singh - gruji pranam mera name yashpal singh hai.
kripa kar mujhe hipnotism ke bare men jankari pradan karen .
aur isko mai kaise seekh sakta hun yah bhi batayen
उत्तर - आपको सम्बन्धित ज्ञान के गुरु से ही सीखना होगा । बिना गुरु के सम्भव नहीं । क्योंकि इन सबमें बहुत बारीक चीजें होती हैं । जो सीखने के कृम में ही बतायी जा सकती हैं । लिखकर नहीं ।
**********
ये तीन विदेशी महिलाओं ने मुझे अंग्रेजी में सन्देश भेजे । जो हिन्दी अनुवाद के साथ निम्न हैं ।
( एक महिला का सन्देश ) hey i know you dont know me but i was just wondering if you do faceboook reading i would really like one x
मुझे पता है कि आप मुझे नहीं जानते । पर मैं सोच रही थी कि क्या आप फेसबुक रीडिंग करते हैं ? अगर हाँ तो मेरे लिए करेंगे क्या ?
( एक अन्य महिला का सन्देश ) Hi sorry I just read ur post I hope u don't mind me messaging u iv just saw ur pics just wondered what u did I saw Sumone mention I gave him a glance ov his loved one I'm sorry if I'm intruding dont usually make a habit iv it thanks
हल्लो सॉरी ! मैंने आपकी पोस्ट अभी अभी पढ़ी । मुझे आशा है कि आप मेरे मैसेज करने का बुरा नहीं मानेंगे । मैंने अभी अभी आपके फोटो देखे । और मैं सोच रही हूँ कि आप क्या करते हैं ? मैंने किसी को यह पोस्ट करते पढ़ा कि मैंने उसके किसी प्रिय की याद उसको दिला दी । हस्तक्षेप के लिये क्षमा करें । वैसे मैं यह हमेशा नहीं करती । धन्यवाद ।
( एक अन्य महिला का पहला सन्देश ) The angels and spirits, I feel it's more a cultural aspect than a heavenly divination. I do understand even the most pulled in person realises that, I see your want for persecution but not to be ignorant I give you knowledge. It may look like the way, but it is only an aspect. Can you talk to me, with you psychologically pure mind, I understand your knowledge may open some doors for me ?
the angels and spirits, मुझे ऐसा लगता है । जैसे यह एक सामाजिक पहलू है । न कि कोई दैविक अटकल । मैं यह भी समझती हूँ कि अज्ञानता के मुकाबले कष्ट में रहना बेहतर है । क्या आप मुझसे बात कर सकते हैं । मेरा मानना है कि आपके ज्ञान के द्वारा मेरे लिए नए द्वार खुलेंगे ।
( दूसरा सन्देश ) I'm in terrible need of help with the shame of abandonment from my mother, I have a son and fear he will ( or I will leave ) before the best time in nourishment of the soul, or at least to part on good terms ( he is not yet 1, and I am upset by the wheels been in motion ) ....
It has come to me to make imaginings of life past this time of separation, it came to me in this moment. It may feel as though nature is against us. I am scared, I don't want to be alone and under that fear I don't want him to be alone, his kids, ... Can you take some time I beg you to put you logic in working order for me and my kin to benefit from your sound reasoning. I only want to die with my son part of me,
मुझे सहायता की आवश्यकता है । मेरी माँ ने मुझे छोड़ दिया था । मुझे इस बात पर शर्म आती है । मेरा एक पुत्र है । और मुझे इस बात का भय है कि उसके पूर्ण विकास ( मानसिक । आध्यात्मिक ? ) के पहले ही मैं उसे या वो मुझे छोड़कर न चला जाए । और अगर छोड़ भी जाए । तो हमारे व्यवहार में कटुता न आये । वह अभी एक साल का भी नहीं है । और मैं इस विषय के बारे में बार-बार सोचकर दुखी हो जाती हूँ । मेरे अतीत की इस घटना को लेकर मैं कल्पनाएँ करने लगती हूँ । मैं नहीं चाहती कि जिस भय के नीचे मैं जीवित हूँ । उसी भय के नीचे मेरा पुत्र और उसके बच्चे भी जीवित रहें । मैं आपसे यह निवेदन करती हूँ कि आप अपने ज्ञान का प्रयोग मेरे और मेरे पुत्र के हित में प्रयोग करने का कष्ट करें । मैं अपने पुत्र के साथ ही मरना चाहती हूँ ( अलग होकर नहीं )
( तीसरा सन्देश ) I need to get a hold, before the seed of my ill thought manifests,
मेरे ये बुरे विचार वास्तविकता में बदलें । उससे पहले मुझे सहायता की आवश्यकता है ।
Sanjeev Bhardwaj - rajeev jee [ am sanjeev jalandhar please tell me about my life i know you are not a joytishi but you are a sperichul man
उत्तर - ऐसे प्रश्नों का मन्तव्य मैं ठीक से समझ नहीं पाता । जब तक कि उसके कोई बिन्दु स्पष्ट न हों । धूप छांव की तरह सभी के जीवन में सुख दुख आदि ऊँच नीच जैसी घटनायें घटना निश्चित है । उनका % भाग्य के अनुसार कम अधिक हो सकता है । यदि किसी का वक्त बुरा है । तो स्वयं उसके ही द्वारा अच्छा भी हो सकता है । और जिसका अच्छा समय चल रहा हो । उसकी लापरवाही उसे कभी भी गिरा सकती है । सन्त वाणी भी यही कहती है कि - जो सुख में सुमिरन करो तो दुख काहे को होय ।
Dev Dev - मैँने आपके विचार पढ़े । सभी सन्तोँ के बारे मेँ । एक दो ठीक ठाक हैँ । पर अधिकतर बिना मतलब के । और उलझाने वाले हैँ । लगता है । आप स्वयं ही भटके प्रतीत होते हैँ । आपका एक कथन कि - मधु और रामपाल दोँनोँ सोहम शब्द नहीँ मानते हैं । बिलकुल गलत है । आपको इन संतो के बारे मेँ कुछ नहीँ पता । अपने आपको अच्छा वक्ता दिखाने के लिये । दूसरे को झूठ बोलने मेँ आपका क्या स्वार्थ है ।
उत्तर - मैं इनसे मिला नहीं । सुना नहीं । इनको लम्बे समय तक सुनने समझने जानने वाले लोगों से बातचीत के बाद मैंने ऐसा कहा । पर मैं इस बात पर निश्चित हूँ कि - ये कबीर से हटकर ज्ञान बता रहे हैं ।
Suman Chaurasia - guru ji jeevan ki sarthkta kya hai ?
उत्तर - जीवन के सत्य को जानकर कर्म और अन्य व्यवहार करना प्रथम सार्थकता है । अपने अस्तित्व की पहचान करना मनुष्य जीवन का सबसे बङा और अन्तिम लक्ष्य है । खुद को जाने बिना कोई सत्य ठीक से नहीं जाना जा सकता ।
How do you know that ? kya ham bhi kisi ki past life ya next life jaan sakte hai ?
उत्तर - जी हाँ ! जान सकते हैं । योग में इसके बहुत तरीके हैं ।
Yashpal Singh - gruji pranam mera name yashpal singh hai.
kripa kar mujhe hipnotism ke bare men jankari pradan karen .
aur isko mai kaise seekh sakta hun yah bhi batayen
उत्तर - आपको सम्बन्धित ज्ञान के गुरु से ही सीखना होगा । बिना गुरु के सम्भव नहीं । क्योंकि इन सबमें बहुत बारीक चीजें होती हैं । जो सीखने के कृम में ही बतायी जा सकती हैं । लिखकर नहीं ।
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ये तीन विदेशी महिलाओं ने मुझे अंग्रेजी में सन्देश भेजे । जो हिन्दी अनुवाद के साथ निम्न हैं ।
( एक महिला का सन्देश ) hey i know you dont know me but i was just wondering if you do faceboook reading i would really like one x
मुझे पता है कि आप मुझे नहीं जानते । पर मैं सोच रही थी कि क्या आप फेसबुक रीडिंग करते हैं ? अगर हाँ तो मेरे लिए करेंगे क्या ?
( एक अन्य महिला का सन्देश ) Hi sorry I just read ur post I hope u don't mind me messaging u iv just saw ur pics just wondered what u did I saw Sumone mention I gave him a glance ov his loved one I'm sorry if I'm intruding dont usually make a habit iv it thanks
हल्लो सॉरी ! मैंने आपकी पोस्ट अभी अभी पढ़ी । मुझे आशा है कि आप मेरे मैसेज करने का बुरा नहीं मानेंगे । मैंने अभी अभी आपके फोटो देखे । और मैं सोच रही हूँ कि आप क्या करते हैं ? मैंने किसी को यह पोस्ट करते पढ़ा कि मैंने उसके किसी प्रिय की याद उसको दिला दी । हस्तक्षेप के लिये क्षमा करें । वैसे मैं यह हमेशा नहीं करती । धन्यवाद ।
( एक अन्य महिला का पहला सन्देश ) The angels and spirits, I feel it's more a cultural aspect than a heavenly divination. I do understand even the most pulled in person realises that, I see your want for persecution but not to be ignorant I give you knowledge. It may look like the way, but it is only an aspect. Can you talk to me, with you psychologically pure mind, I understand your knowledge may open some doors for me ?
the angels and spirits, मुझे ऐसा लगता है । जैसे यह एक सामाजिक पहलू है । न कि कोई दैविक अटकल । मैं यह भी समझती हूँ कि अज्ञानता के मुकाबले कष्ट में रहना बेहतर है । क्या आप मुझसे बात कर सकते हैं । मेरा मानना है कि आपके ज्ञान के द्वारा मेरे लिए नए द्वार खुलेंगे ।
( दूसरा सन्देश ) I'm in terrible need of help with the shame of abandonment from my mother, I have a son and fear he will ( or I will leave ) before the best time in nourishment of the soul, or at least to part on good terms ( he is not yet 1, and I am upset by the wheels been in motion ) ....
It has come to me to make imaginings of life past this time of separation, it came to me in this moment. It may feel as though nature is against us. I am scared, I don't want to be alone and under that fear I don't want him to be alone, his kids, ... Can you take some time I beg you to put you logic in working order for me and my kin to benefit from your sound reasoning. I only want to die with my son part of me,
मुझे सहायता की आवश्यकता है । मेरी माँ ने मुझे छोड़ दिया था । मुझे इस बात पर शर्म आती है । मेरा एक पुत्र है । और मुझे इस बात का भय है कि उसके पूर्ण विकास ( मानसिक । आध्यात्मिक ? ) के पहले ही मैं उसे या वो मुझे छोड़कर न चला जाए । और अगर छोड़ भी जाए । तो हमारे व्यवहार में कटुता न आये । वह अभी एक साल का भी नहीं है । और मैं इस विषय के बारे में बार-बार सोचकर दुखी हो जाती हूँ । मेरे अतीत की इस घटना को लेकर मैं कल्पनाएँ करने लगती हूँ । मैं नहीं चाहती कि जिस भय के नीचे मैं जीवित हूँ । उसी भय के नीचे मेरा पुत्र और उसके बच्चे भी जीवित रहें । मैं आपसे यह निवेदन करती हूँ कि आप अपने ज्ञान का प्रयोग मेरे और मेरे पुत्र के हित में प्रयोग करने का कष्ट करें । मैं अपने पुत्र के साथ ही मरना चाहती हूँ ( अलग होकर नहीं )
( तीसरा सन्देश ) I need to get a hold, before the seed of my ill thought manifests,
मेरे ये बुरे विचार वास्तविकता में बदलें । उससे पहले मुझे सहायता की आवश्यकता है ।
Sanjeev Bhardwaj - rajeev jee [ am sanjeev jalandhar please tell me about my life i know you are not a joytishi but you are a sperichul man
उत्तर - ऐसे प्रश्नों का मन्तव्य मैं ठीक से समझ नहीं पाता । जब तक कि उसके कोई बिन्दु स्पष्ट न हों । धूप छांव की तरह सभी के जीवन में सुख दुख आदि ऊँच नीच जैसी घटनायें घटना निश्चित है । उनका % भाग्य के अनुसार कम अधिक हो सकता है । यदि किसी का वक्त बुरा है । तो स्वयं उसके ही द्वारा अच्छा भी हो सकता है । और जिसका अच्छा समय चल रहा हो । उसकी लापरवाही उसे कभी भी गिरा सकती है । सन्त वाणी भी यही कहती है कि - जो सुख में सुमिरन करो तो दुख काहे को होय ।
Dev Dev - मैँने आपके विचार पढ़े । सभी सन्तोँ के बारे मेँ । एक दो ठीक ठाक हैँ । पर अधिकतर बिना मतलब के । और उलझाने वाले हैँ । लगता है । आप स्वयं ही भटके प्रतीत होते हैँ । आपका एक कथन कि - मधु और रामपाल दोँनोँ सोहम शब्द नहीँ मानते हैं । बिलकुल गलत है । आपको इन संतो के बारे मेँ कुछ नहीँ पता । अपने आपको अच्छा वक्ता दिखाने के लिये । दूसरे को झूठ बोलने मेँ आपका क्या स्वार्थ है ।
उत्तर - मैं इनसे मिला नहीं । सुना नहीं । इनको लम्बे समय तक सुनने समझने जानने वाले लोगों से बातचीत के बाद मैंने ऐसा कहा । पर मैं इस बात पर निश्चित हूँ कि - ये कबीर से हटकर ज्ञान बता रहे हैं ।
Suman Chaurasia - guru ji jeevan ki sarthkta kya hai ?
उत्तर - जीवन के सत्य को जानकर कर्म और अन्य व्यवहार करना प्रथम सार्थकता है । अपने अस्तित्व की पहचान करना मनुष्य जीवन का सबसे बङा और अन्तिम लक्ष्य है । खुद को जाने बिना कोई सत्य ठीक से नहीं जाना जा सकता ।
1 टिप्पणी:
चील के बारे में रोचक तथ्य।
चील इन इंग्लिश चील meaning in english.
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