राजीव जी ! नमस्ते । मैं आज आपको 1 खुशखबरी देने के लिये ई-मेल कर रहा हूँ । अब हमारे ग्रुप में आपका ब्लाग पढने वालों की गिनती 28 हो गयी है । मैं उन सबके नाम यहाँ लिखने जा रहा हूँ ।
सुभाष ( मैं ) रजत । मेरी गर्लफ़्रेन्ड - रविन्दर । और उसका भाई । शालु । निशु । वरूण । दीपक । जतिन । नितिन । कपिल । अंकुर । अतुल । राहुल । रोहित । गुंजन । शैलिका । डिम्पल । नीरज । मनोज । सुनील । नवनीत । पोनी । हिना । ज्योती । अनामिका । शुभम और जय किशोर ।
ये सभी लोग पटेल पब्लिक कालेज राजपुरा में विध्यार्थी है । ये सब BA के ही छात्र है । इन सबको आपके ब्लाग पर लाने की मेहनत असल में रजत ने ही की है । उसे आप बेशक हमारे ग्रूप का सबसे खास मेम्बर समझ लीजिये ।
ये सभी लोग ( 28 ) अब आपका ब्लाग अपने अपने घर पढते है । इनमें से ज्यादातर को आपका ब्लाग रजत ने एक साथ ही दिखाया था । उस दिन नीरज का बर्थ डे था । शाम को केक खाने के बाद चाय पीते हुये । रजत ने नीरज से कहा - चल नीरज ! अपना कम्प्यूटर खोल ।
जब नीरज ने कम्प्यूटर आन किया । तब रजत ने सब फ़्रेन्ड्स को ( जो पार्टी मे आये हुये थे ) कहा - आज तुम सबको मैं एक चमत्कार दिखाता हूँ ।
पहले तो मुझे भी समझ में नही आया कि - ये क्या करने जा रहा है ? लेकिन जब उसने ( रजत ने ) आपका ब्लाग खोला । तब मैं समझा । रजत ने जिस ढंग से आपका ब्लाग खोलकर फ़्रेन्डस को जानकारी दी । उससे सब फ़्रेन्डस में ब्लाग को देखने और पढने की जिगयासा पैदा हो गयी ।
अब हमने उन फ़्रेन्डस से जब भी कभी पूछा कि - ब्लाग पढते हो ? तब सबने कहा कि - हाँ पढते हैं ।
अब हमने ( मैंने और रजत ने ) उन फ़्रेन्डस से ये भी कहा कि अब वो लोग और लोगों को भी इस ब्लाग के बारे में बतायें । लेकिन प्यार से बिना झगडे के ।
राजीव जी ! हमारे सभी फ़्रेन्डस हमारे क्लासमेट होने के कारण सब नौजवान हैं । इसलिये उन्होने फ़टाफ़ट आपके ब्लाग्स के नये पुराने सभी लेखों के सिरलेख खोलकर देखे । जो जो जिसको पसन्द आये । उन्होने पढ लिये । क्योंकि आजकल हमारी छुट्टियाँ चल रही हैं ।
अधिकतर फ़्रेन्डस ने आपकी सभी प्रेत कहानियाँ पढ ली हैं । मेरे साथ मेरे कुछ फ़्रेन्डस ने बात भी की थी । उनकी बात से मैं भी सहमत हूँ । बात ये है कि - आपकी प्रेत कहानियों के बारे में हम कुछ राय आपको देना चाहते हैं । लेकिन अगर आप बुरा न मानें तो ।
आपने ब्लाग साल 2010 में बनाया । तब से लेकर अब तक आपने सिर्फ़ कुछ प्रेत कहानियाँ लिखीं । जिसमें से आपकी सबसे बढिया प्रेत कहानी थी " रेशमा प्रेत का बदला " जानकारी के रूप में सबसे बढिया थी " प्रेतकन्या ". छोटी कहानी के रूप में बढिया थी " काली विधवा " जानकारी भरा 1 छोटा सा लेख " छ्लावा " भी ठीक था । बाकी " पाँच प्रेत " और " प्रेत का उद्धार " कुछ खास नहीं थे ।
आपकी लिखी कहानियाँ " नगर कालका " और " अब तू औरत नही चुडैल है " भी ठीक ठाक ही थी । वैसे नगर कालका जानकारी के हिसाब से ठीक थी । लेकिन ये नयी वाली " अब तू औरत नही चुडैल है " कुछ खास नहीं थी ।
आप हमारी बातों का बुरा मत मानना । आपकी हर प्रेत कहानी असल मे 1 तरह से जानकारी होती है । कहानी के रूप में । लेकिन हमने सिर्फ़ आपको ये जानकारी देने की कोशिश की है कि - कौन सी कहानी या लेख कितना पसन्द किया गया ।
अब 1 बात और है । आपकी लिखी " ओमियो तारा " 1 अलग ही चीज थी । जो बातें उसमें लिखी थीं । ऐसी बातें तो हमने न कभी पढी । और न ही सुनीं । न ही देशी या विदेशी फ़िल्मो में देखी । पता नहीं किस कारणवश आप वो कहानी पूरी नही कर पाये ।
लेकिन अब हम सब 28 लोग । और बाकी आपको पता होगा । आपके अन्य पाठकों के बारे में । हम सबको आपसे हर महीने कम से कम 1 प्रेत कहानी जरूर चाहिये । पढने के लिये । आप ये मत समझना कि हम लोगो को भूत-प्रेतों में दिलचस्पी है ।
असल में बात ये है कि आपकी प्रेत कहानियों में साधना का भी जिकर आता है । द्वैत साधना का । इस रहस्यमयी विशाल दुनिया के अजीबो गरीब रहस्य सामने आते हैं । नहीं तो आम जिन्दगी तो बस..! फ़िल्मों में भी क्या रखा है ? किसी ने 1 बार मजाक में कहा था कि - अगर 1 हिन्दी फ़िल्म देख लो । तो लगता है । सभी हिन्दी फ़िल्में देख लीं । शायद आपको प्रेत कहानियों वाली बात खास न लगती हो । जैसे हाथी को खुद अपना वजन मालूम नहीं होता ।
आप तो अपने हिसाब से 1 जानकारी के तहत लेख लिख देते हैं । आपके लिये ये शायद आम बात होगी । लेकिन जिसको इस तरह की जानकारी नहीं है । न कभी सुनी । न पढी । और अनुभव तो दूर की बात है । उन लोगों के लिये तो ये आपकी प्रेत कहानियाँ खास से भी खास हैं ।
लेखक । कलाकार । कोई भी अन्य खास व्यक्ति जो भी काम करता है । वो काम वो अपनी जरुरत । शौक या सामाजिक कार्य हेतु करता है ।
लेकिन बहुतायत में अन्य लोगों के लिये ये सब 1 अचम्भे जैसा ही होता है । मुझे तो लगता है कि आपके ब्लाग में जो अन्य पाठक हैं । सबके सब प्रेत कहानियाँ पढते जरुर होंगे । लेकिन बस पढा । और भाग लिये । न कोई टिप्पणी । न कोई सुझाव । बस बारात में गये । खाया पिया । और बिना शगन दिये खिसक लिये । बस अब हमारे सभी फ़्रेन्डस पूछ रहें है कि आपकी आने वाली प्रेत कहानियाँ किस किस टापिक्स पर होंगी ? किस तरह की होंगी ?
हम सबको महीने में अब कितनी प्रेत कहानियाँ या इस तरह के जानकारी भरे छोटे या बडे लेख पढने को मिला करेंगे ?
आपकी आने वाली प्रेत कहानी कब छ्पेगी ? आने वाली प्रेत कहानियों के क्या नाम होंगे ? मैं आज आपको अपने प्यारे कालेज की 4 फ़ोटो भेज रहा हूँ । मैं चाहता हूँ कि आप ये 4 फ़ोटो मेरे इस ई-मेल के साथ अपने आने वाले लेख में जरूर छापें । इससे मुझे मेरे अन्य कालेज के दोस्तों को आपके ब्लाग पर लाने में आसानी होगी ।
इन 4 फ़ोटो में से 2 फ़ोटो तो तब की हैं । जब हमारे पेपर खत्म हो गये थे । बाद दोपहर छुट्टी टाइम खींची गयी थी । जब कालेज तकरीबन खाली हो चुका था । ये दोनों फ़ोटो रजत ने खींची थी । बाकी 2 फ़ोटो तब की है । जब हमारे कालेज में छोटा सा पुस्तक मेला लगा था । तब स्टूडेंटस ने अच्छी अच्छी पुस्तकें सस्ते दामों पर खरीदी थी । उस समय स्टूडेंटस की पुस्तक खरीदते हुए 2 फ़ोटो मैंने खींचे थे । अगर कभी मौका मिला । तो हम सब दोस्तों की 1 ग्रुप फ़ोटो आपको भेजूँगा । पूरे 28 लेकिन क्या पता ? आने वाले समय में गिनती और अधिक हो जाये ।
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इन सबको आपके ब्लाग पर लाने की मेहनत असल में रजत ने ही की है -
- सुभाष जी ! इतनी मेहनत से एक सुन्दर भावपूर्ण पत्र लिखने के लिये आपका बेहद धन्यवाद । रजत जी आपका
भी बहुत बहुत धन्यवाद । और आपके सभी दोस्तों - रविन्दर । और उनके भाई । शालु । निशु । वरूण । दीपक । जतिन । नितिन । कपिल । अंकुर । अतुल । राहुल । रोहित । गुंजन । शैलिका । डिम्पल । नीरज । मनोज । सुनील । नवनीत । पोनी । हिना । ज्योती । अनामिका । शुभम और जय किशोर को भी धन्यवाद । और आप सभी का सत्यकीखोज पर बहुत बहुत स्वागत है ।
अब हमने ( मैंने और रजत ने ) उन फ़्रेन्डस से ये भी कहा कि अब वो लोग और लोगों को भी इस ब्लाग के बारे में बतायें । लेकिन प्यार से बिना झगडे के ।
- मैं आपसे सहमत हूँ । लेकिन आप सहज योग या परमात्मा की वास्तविक भक्ति और गुप्त आदि नाम की चर्चा अधिक करें । तो आपको और सुनने वाले दोनों को लाभ होगा । वैसे ये बात सुझाव के तौर पर कह रहा हूँ । पर आप पहले से ही निश्चय ही ऐसा करते होंगे ।
बात ये है कि - आपकी प्रेत कहानियों के बारे में हम कुछ राय आपको देना चाहते हैं । लेकिन अगर आप बुरा न मानें तो ।
- जो लोग किसी से प्रेम अपनत्व मानते हैं । वही उसे उसका अच्छा बुरा बताते हैं । मैं कई बार लेखों में भी जिक्र कर चुका हूँ । मैं कभी भी किसी की भी किसी बात का बुरा नहीं मानता । हाँ जो मेरे लेखों में आपको व्यंग्यात्मक टोन या कभी कभी चोट मारने जैसा भाव महसूस होता होगा । यह सन्तमत के नियम अनुसार जीवों को चेताने हेतु एक आवश्यक जरूरत है । मैं यह भी बता चुका हूँ । शुरू शुरू में ई मेल कमेंट फ़ोन द्वारा लोगों ने मुझे भद्दी भद्दी गालियाँ तक दीं । उनको भी मैंने संकेत रूप में ससम्मान छाप दिया । क्रियात्मक ग्यान वाले सन्तों का अंतःकरण योग द्वारा चेंज हो जाता है । अतः वो चाहे । तो भी राग द्वेष आदि भाव पैदा ही नहीं होंगे । जैसे चन्दन लकङी से आपको शीतलता के स्थान पर ताप कभी नहीं मिलेगा ।
आपकी सबसे बढिया प्रेत कहानी थी " रेशमा प्रेत का बदला " जानकारी के रूप में सबसे बढिया थी " प्रेतकन्या ". छोटी कहानी के रूप में बढिया थी " काली विधवा " जानकारी भरा 1 छोटा सा लेख " छ्लावा " भी ठीक था । बाकी " पाँच प्रेत " और " प्रेत का उद्धार " कुछ खास नहीं थे ।
- पाँच प्रेत और प्रेत का उद्धार..कहानी या लेख न होकर गरुण पुराण में वर्णित जानकारी थी । मेरा उसमें कुछ नहीं था । फ़िर भी लोगों को गलत कार्य से रोकने हेतु वह भी अच्छा मैटर था ।
आपकी लिखी कहानियाँ " नगर कालका " और " अब तू औरत नही चुडैल है " भी ठीक ठाक ही थी । वैसे नगर कालका जानकारी के हिसाब से ठीक थी । लेकिन ये नयी वाली " अब तू औरत नही चुडैल है " कुछ खास नहीं थी । लेकिन हमने सिर्फ़ आपको ये जानकारी देने की कोशिश की है कि - कौन सी कहानी या लेख कितना पसन्द किया गया ।
- पूरी बात और सभी पहलू बताऊँगा । तो बात बहुत लम्बी हो जायेगी । औरत नही चुडैल.. जैसे सच्चे मामले ( किसी की पूर्वजन्म की दौलत में चेतना उलझना ) मेरे अब तक के जीवन में 10 तो आये ही होंगे । ये कहानी लिखने से ठीक पहले मुझे पंजाब से फ़ोन आया था । तब मुझे पिछली घटनायें याद आ गयीं । फ़िर उसका दूसरा पहलू किसी गरीब या मजलूम की हाय भी था ।
प्रेत कहानियों के लिये मेरे पास बहुत माँग आती है । जिनमें बहुत से लोग किसी हारर फ़िल्म की तरह अति डरावनी वीभत्स और कामुक वर्णन युक्त कहानी की बात कहते हैं । लेकिन अब मैं सभी बातें मान सकता हूँ । पर कामुकता बिलकुल नहीं होगी । रोमांस हो सकता है । क्योंकि आप सभी जानते ही हैं । आपके इस ब्लाग पर लङकियों महिलाओं सभ्रांत लोगों की संख्या तेजी से बढी है । अतः पिछली कहानी आदि में इस तरह का जो थोङा सा वर्णन हो गया है । उसको मैं समय मिलते ही एडिट करके निकाल दूँगा । यही बात कुछ चित्र जो प्रकाशित हो गये हैं । उन्हें भी हटा दूँगा । ताकि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे ।
अब 1 बात और है । आपकी लिखी " ओमियो तारा " 1 अलग ही चीज थी । जो बातें उसमें लिखी थीं । ऐसी बातें तो हमने न कभी पढी । और न ही सुनीं । न ही देशी या विदेशी फ़िल्मो में देखी । पता नहीं किस कारणवश आप वो कहानी पूरी नही कर पाये ।
- ॐ और तारा यानी ओमियो तारा - योग की इतनी बङी उपलब्धि कि योगी खुद बृह्मांड में एक सत्ता सी बनाकर अपना ग्रह आदि बनाकर राज्य कायम कर ले । इसका चर्चित उदाहरण विश्वामित्र थे । कुंडलिनी में ॐ शक्ति को जागृत करके कुछ अन्य शक्तियाँ हासिल करके यह कार्य संभव होता है । और ये झूठ नहीं हैं । बल्कि ऐसे अनेकों खेल अखिल सृष्टि में बनते बिगङते रहते हैं ।
ओमियो तारा एक ऐसे ही योगी की सशक्त कहानी है । जो केन्द्रक और अणु परमाणु का नियंत्रण रहस्य आदि तो जान गया । और उसने एक अति विकसित सभ्यता वाला स्टार ( तारा ) भी बना लिया । लेकिन वह इन अणुओं को शरीर का आवरण कैसे पहनाये । ये नहीं जानता । इसके लिये वह प्रसून का अपहरण सा करना चाहता है । दूसरे वह प्रसून के बारे में जानकर । उसको अपने खास मंत्री के तौर पर भी रखना चाहता है । तीसरे वह अपने स्टार के लिये 4D स्पेस के द्वारा इंसानों को 4D मैटर में बदलकर बहुत से केन्द्रक और अणु परमाणु भी हासिल करना चाहता है आदि ।
ये कहानी 8 भाग लिखने के बाद शायद 4 महीने तक मैं भी 4D स्पेस में ही चला गया । और नेट भी डिसकनेक्ट रहा । वापसी पर सुश्री रूप कौर जी मुझे बेताबी से इंतजार करती मिलीं । और बंसल जी के पेंडिंग ई मेल का उत्तर यानी नई पोस्ट होते ही सवाल जबाब का सिलसिला शुरू हो गया । उन्हें भी इस कहानी का बेहद इंतजार है ।
ऐसा नहीं कि उसे लिखूँगा नहीं । पर एकाएक ई मेल और पाठक इस रफ़्तार से आये कि समय ही नहीं मिलता । जबकि ऐसा मैटर फ़ुरसत में ही लिखा जा सकता है । हालांकि मैं किसी भी तरह के मैटर में कल्पना का सहारा तो लेता ही नहीं । जो ताना बाना बुनना पङे । फ़िर भी खास मैटर के लिये मूड आवश्यक होता है । प्रश्नों के उत्तर देना सबसे आसान होता है ।
हम सबको आपसे हर महीने कम से कम 1 प्रेत कहानी जरूर चाहिये । पढने के लिये । आप ये मत समझना कि हम लोगो को भूत-प्रेतों में दिलचस्पी है ।
- 20 july गुरु पूर्णिमा उत्सव के बाद मेरे पास काफ़ी समय हुआ करेगा । तब तक 2 कहानियाँ प्रकाशित हो सकती हैं । जैसा कि आपने देखा । एकाएक अध्यात्म जिग्यासाओं वाले काफ़ी मेल आने लगे । तब मैंने लोगों की आँखें खोलने हेतु अनुराग सागर की अधिक से अधिक जानकारी एक साथ दे दी । इस तरह बहुत लोगों को पूछे अनपूछे उत्तर मिल गये । इसी से अन्य विषयों पर लिखना नहीं हो सका ।
शायद आपको प्रेत कहानियों वाली बात खास न लगती हो । आप तो अपने हिसाब से 1 जानकारी के तहत लेख लिख देते हैं । आपके लिये ये शायद आम बात होगी । लेकिन जिसको इस तरह की जानकारी नहीं है । न कभी सुनी । न पढी । और अनुभव तो दूर की बात है । उन लोगों के लिये तो ये आपकी प्रेत कहानियाँ खास से भी खास हैं ।
- द्वैत का कोई भी साधक कुंडलिनी योग या मंत्र शक्ति द्वारा ऊपर उठता है । तो पहले ही आसमान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रेत लोक । तांत्रिक लोक 1D और 2D सृष्टियाँ आदि मिलती हैं । ये बङे रोमांचक अनुभव होते हैं । यदि मुझे इस ग्यान के प्रचार का निमित्त आदेश न होता । तो मैं कभी इस प्रकार के बेमजा और फ़ालतू ब्लाग लिखने जैसा कार्य न करता । पर सत्ता के आदेश का पालन अनिवार्य है । आदेशित कार्य न करने पर साधक डिसमिस कर दिया जाता है ।
मुझे लगता है कि आपके जो अन्य पाठक हैं । सब प्रेत कहानियाँ पढते जरुर होंगे । लेकिन बस पढा । और भाग लिये । न कोई टिप्पणी । न कोई सुझाव ।
- अगर आप ब्लाग के आंतरिक भाग से परिचित हों । तो ब्लाग के डेशबोर्ड पर states या आंकङे एक आप्शन होता है । यह सभी जानकारी देता है । कौन सा लेख कितनी बार कब कब पढा गया । कौन से देश के लोग ब्लाग पर आ रहे हैं आदि आदि सभी जानकारी । अतः मुझे कमेंट आदि की परवाह कभी न रही । ये सच है । सभी मित्रों को प्रेत कहानियाँ अच्छी लगती हैं । महिलाओं को तो बहुत ज्यादा । लेकिन मैं सभी के ई मेल उनकी भावना अनुसार गोपनीय ही रखता हूँ ।
अब हमारे सभी फ़्रेन्डस पूछ रहें है कि आने वाली प्रेत कहानियाँ किस टापिक्स पर होंगी ? किस तरह की होंगी ?
- पंचागुली देवी । कर्ण पिशाचिनी । डायन । खतरनाक टायप के सिद्धों पर । आप लोगों की अधिक रुचि देखते हुये इनका स्तर बहुत अधिक बदला हुआ होगा । दूसरे कहानी को 20 लम्बे पार्ट में लिखने की कोशिश करूँगा । ताकि आप बार बार पढें । फ़िर भी मजा आये । जटिलता भी पहले से अधिक होगी । जैसे ओमियो तारा यकायक समझ में नहीं आती । 20 july के बाद एकदम 10 बङी कहानियाँ एक एक करके आपके सामने जल्दी जल्दी आयेंगी । मेरी इच्छा अन्य दुर्लभ विषयों पर भी लिखने की है । पर आपकी भूख बहुत ज्यादा है । और मेरे पास बहुत सीमित समय ।
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आने वाले दिनों में - श्रीमदभगवत गीता । तुलसी रामायण । बीजक इन पर भी आपको एक नये अन्दाज में जानकारी मिलेगी । शेष फ़िर कभी । आप सभी का आभार ।
सुभाष ( मैं ) रजत । मेरी गर्लफ़्रेन्ड - रविन्दर । और उसका भाई । शालु । निशु । वरूण । दीपक । जतिन । नितिन । कपिल । अंकुर । अतुल । राहुल । रोहित । गुंजन । शैलिका । डिम्पल । नीरज । मनोज । सुनील । नवनीत । पोनी । हिना । ज्योती । अनामिका । शुभम और जय किशोर ।
ये सभी लोग पटेल पब्लिक कालेज राजपुरा में विध्यार्थी है । ये सब BA के ही छात्र है । इन सबको आपके ब्लाग पर लाने की मेहनत असल में रजत ने ही की है । उसे आप बेशक हमारे ग्रूप का सबसे खास मेम्बर समझ लीजिये ।
ये सभी लोग ( 28 ) अब आपका ब्लाग अपने अपने घर पढते है । इनमें से ज्यादातर को आपका ब्लाग रजत ने एक साथ ही दिखाया था । उस दिन नीरज का बर्थ डे था । शाम को केक खाने के बाद चाय पीते हुये । रजत ने नीरज से कहा - चल नीरज ! अपना कम्प्यूटर खोल ।
जब नीरज ने कम्प्यूटर आन किया । तब रजत ने सब फ़्रेन्ड्स को ( जो पार्टी मे आये हुये थे ) कहा - आज तुम सबको मैं एक चमत्कार दिखाता हूँ ।
पहले तो मुझे भी समझ में नही आया कि - ये क्या करने जा रहा है ? लेकिन जब उसने ( रजत ने ) आपका ब्लाग खोला । तब मैं समझा । रजत ने जिस ढंग से आपका ब्लाग खोलकर फ़्रेन्डस को जानकारी दी । उससे सब फ़्रेन्डस में ब्लाग को देखने और पढने की जिगयासा पैदा हो गयी ।
अब हमने उन फ़्रेन्डस से जब भी कभी पूछा कि - ब्लाग पढते हो ? तब सबने कहा कि - हाँ पढते हैं ।
अब हमने ( मैंने और रजत ने ) उन फ़्रेन्डस से ये भी कहा कि अब वो लोग और लोगों को भी इस ब्लाग के बारे में बतायें । लेकिन प्यार से बिना झगडे के ।
राजीव जी ! हमारे सभी फ़्रेन्डस हमारे क्लासमेट होने के कारण सब नौजवान हैं । इसलिये उन्होने फ़टाफ़ट आपके ब्लाग्स के नये पुराने सभी लेखों के सिरलेख खोलकर देखे । जो जो जिसको पसन्द आये । उन्होने पढ लिये । क्योंकि आजकल हमारी छुट्टियाँ चल रही हैं ।
अधिकतर फ़्रेन्डस ने आपकी सभी प्रेत कहानियाँ पढ ली हैं । मेरे साथ मेरे कुछ फ़्रेन्डस ने बात भी की थी । उनकी बात से मैं भी सहमत हूँ । बात ये है कि - आपकी प्रेत कहानियों के बारे में हम कुछ राय आपको देना चाहते हैं । लेकिन अगर आप बुरा न मानें तो ।
आपने ब्लाग साल 2010 में बनाया । तब से लेकर अब तक आपने सिर्फ़ कुछ प्रेत कहानियाँ लिखीं । जिसमें से आपकी सबसे बढिया प्रेत कहानी थी " रेशमा प्रेत का बदला " जानकारी के रूप में सबसे बढिया थी " प्रेतकन्या ". छोटी कहानी के रूप में बढिया थी " काली विधवा " जानकारी भरा 1 छोटा सा लेख " छ्लावा " भी ठीक था । बाकी " पाँच प्रेत " और " प्रेत का उद्धार " कुछ खास नहीं थे ।
आपकी लिखी कहानियाँ " नगर कालका " और " अब तू औरत नही चुडैल है " भी ठीक ठाक ही थी । वैसे नगर कालका जानकारी के हिसाब से ठीक थी । लेकिन ये नयी वाली " अब तू औरत नही चुडैल है " कुछ खास नहीं थी ।
आप हमारी बातों का बुरा मत मानना । आपकी हर प्रेत कहानी असल मे 1 तरह से जानकारी होती है । कहानी के रूप में । लेकिन हमने सिर्फ़ आपको ये जानकारी देने की कोशिश की है कि - कौन सी कहानी या लेख कितना पसन्द किया गया ।
अब 1 बात और है । आपकी लिखी " ओमियो तारा " 1 अलग ही चीज थी । जो बातें उसमें लिखी थीं । ऐसी बातें तो हमने न कभी पढी । और न ही सुनीं । न ही देशी या विदेशी फ़िल्मो में देखी । पता नहीं किस कारणवश आप वो कहानी पूरी नही कर पाये ।
लेकिन अब हम सब 28 लोग । और बाकी आपको पता होगा । आपके अन्य पाठकों के बारे में । हम सबको आपसे हर महीने कम से कम 1 प्रेत कहानी जरूर चाहिये । पढने के लिये । आप ये मत समझना कि हम लोगो को भूत-प्रेतों में दिलचस्पी है ।
असल में बात ये है कि आपकी प्रेत कहानियों में साधना का भी जिकर आता है । द्वैत साधना का । इस रहस्यमयी विशाल दुनिया के अजीबो गरीब रहस्य सामने आते हैं । नहीं तो आम जिन्दगी तो बस..! फ़िल्मों में भी क्या रखा है ? किसी ने 1 बार मजाक में कहा था कि - अगर 1 हिन्दी फ़िल्म देख लो । तो लगता है । सभी हिन्दी फ़िल्में देख लीं । शायद आपको प्रेत कहानियों वाली बात खास न लगती हो । जैसे हाथी को खुद अपना वजन मालूम नहीं होता ।
आप तो अपने हिसाब से 1 जानकारी के तहत लेख लिख देते हैं । आपके लिये ये शायद आम बात होगी । लेकिन जिसको इस तरह की जानकारी नहीं है । न कभी सुनी । न पढी । और अनुभव तो दूर की बात है । उन लोगों के लिये तो ये आपकी प्रेत कहानियाँ खास से भी खास हैं ।
लेखक । कलाकार । कोई भी अन्य खास व्यक्ति जो भी काम करता है । वो काम वो अपनी जरुरत । शौक या सामाजिक कार्य हेतु करता है ।
लेकिन बहुतायत में अन्य लोगों के लिये ये सब 1 अचम्भे जैसा ही होता है । मुझे तो लगता है कि आपके ब्लाग में जो अन्य पाठक हैं । सबके सब प्रेत कहानियाँ पढते जरुर होंगे । लेकिन बस पढा । और भाग लिये । न कोई टिप्पणी । न कोई सुझाव । बस बारात में गये । खाया पिया । और बिना शगन दिये खिसक लिये । बस अब हमारे सभी फ़्रेन्डस पूछ रहें है कि आपकी आने वाली प्रेत कहानियाँ किस किस टापिक्स पर होंगी ? किस तरह की होंगी ?
हम सबको महीने में अब कितनी प्रेत कहानियाँ या इस तरह के जानकारी भरे छोटे या बडे लेख पढने को मिला करेंगे ?
आपकी आने वाली प्रेत कहानी कब छ्पेगी ? आने वाली प्रेत कहानियों के क्या नाम होंगे ? मैं आज आपको अपने प्यारे कालेज की 4 फ़ोटो भेज रहा हूँ । मैं चाहता हूँ कि आप ये 4 फ़ोटो मेरे इस ई-मेल के साथ अपने आने वाले लेख में जरूर छापें । इससे मुझे मेरे अन्य कालेज के दोस्तों को आपके ब्लाग पर लाने में आसानी होगी ।
इन 4 फ़ोटो में से 2 फ़ोटो तो तब की हैं । जब हमारे पेपर खत्म हो गये थे । बाद दोपहर छुट्टी टाइम खींची गयी थी । जब कालेज तकरीबन खाली हो चुका था । ये दोनों फ़ोटो रजत ने खींची थी । बाकी 2 फ़ोटो तब की है । जब हमारे कालेज में छोटा सा पुस्तक मेला लगा था । तब स्टूडेंटस ने अच्छी अच्छी पुस्तकें सस्ते दामों पर खरीदी थी । उस समय स्टूडेंटस की पुस्तक खरीदते हुए 2 फ़ोटो मैंने खींचे थे । अगर कभी मौका मिला । तो हम सब दोस्तों की 1 ग्रुप फ़ोटो आपको भेजूँगा । पूरे 28 लेकिन क्या पता ? आने वाले समय में गिनती और अधिक हो जाये ।
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इन सबको आपके ब्लाग पर लाने की मेहनत असल में रजत ने ही की है -
- सुभाष जी ! इतनी मेहनत से एक सुन्दर भावपूर्ण पत्र लिखने के लिये आपका बेहद धन्यवाद । रजत जी आपका
भी बहुत बहुत धन्यवाद । और आपके सभी दोस्तों - रविन्दर । और उनके भाई । शालु । निशु । वरूण । दीपक । जतिन । नितिन । कपिल । अंकुर । अतुल । राहुल । रोहित । गुंजन । शैलिका । डिम्पल । नीरज । मनोज । सुनील । नवनीत । पोनी । हिना । ज्योती । अनामिका । शुभम और जय किशोर को भी धन्यवाद । और आप सभी का सत्यकीखोज पर बहुत बहुत स्वागत है ।
अब हमने ( मैंने और रजत ने ) उन फ़्रेन्डस से ये भी कहा कि अब वो लोग और लोगों को भी इस ब्लाग के बारे में बतायें । लेकिन प्यार से बिना झगडे के ।
- मैं आपसे सहमत हूँ । लेकिन आप सहज योग या परमात्मा की वास्तविक भक्ति और गुप्त आदि नाम की चर्चा अधिक करें । तो आपको और सुनने वाले दोनों को लाभ होगा । वैसे ये बात सुझाव के तौर पर कह रहा हूँ । पर आप पहले से ही निश्चय ही ऐसा करते होंगे ।
बात ये है कि - आपकी प्रेत कहानियों के बारे में हम कुछ राय आपको देना चाहते हैं । लेकिन अगर आप बुरा न मानें तो ।
- जो लोग किसी से प्रेम अपनत्व मानते हैं । वही उसे उसका अच्छा बुरा बताते हैं । मैं कई बार लेखों में भी जिक्र कर चुका हूँ । मैं कभी भी किसी की भी किसी बात का बुरा नहीं मानता । हाँ जो मेरे लेखों में आपको व्यंग्यात्मक टोन या कभी कभी चोट मारने जैसा भाव महसूस होता होगा । यह सन्तमत के नियम अनुसार जीवों को चेताने हेतु एक आवश्यक जरूरत है । मैं यह भी बता चुका हूँ । शुरू शुरू में ई मेल कमेंट फ़ोन द्वारा लोगों ने मुझे भद्दी भद्दी गालियाँ तक दीं । उनको भी मैंने संकेत रूप में ससम्मान छाप दिया । क्रियात्मक ग्यान वाले सन्तों का अंतःकरण योग द्वारा चेंज हो जाता है । अतः वो चाहे । तो भी राग द्वेष आदि भाव पैदा ही नहीं होंगे । जैसे चन्दन लकङी से आपको शीतलता के स्थान पर ताप कभी नहीं मिलेगा ।
आपकी सबसे बढिया प्रेत कहानी थी " रेशमा प्रेत का बदला " जानकारी के रूप में सबसे बढिया थी " प्रेतकन्या ". छोटी कहानी के रूप में बढिया थी " काली विधवा " जानकारी भरा 1 छोटा सा लेख " छ्लावा " भी ठीक था । बाकी " पाँच प्रेत " और " प्रेत का उद्धार " कुछ खास नहीं थे ।
- पाँच प्रेत और प्रेत का उद्धार..कहानी या लेख न होकर गरुण पुराण में वर्णित जानकारी थी । मेरा उसमें कुछ नहीं था । फ़िर भी लोगों को गलत कार्य से रोकने हेतु वह भी अच्छा मैटर था ।
आपकी लिखी कहानियाँ " नगर कालका " और " अब तू औरत नही चुडैल है " भी ठीक ठाक ही थी । वैसे नगर कालका जानकारी के हिसाब से ठीक थी । लेकिन ये नयी वाली " अब तू औरत नही चुडैल है " कुछ खास नहीं थी । लेकिन हमने सिर्फ़ आपको ये जानकारी देने की कोशिश की है कि - कौन सी कहानी या लेख कितना पसन्द किया गया ।
- पूरी बात और सभी पहलू बताऊँगा । तो बात बहुत लम्बी हो जायेगी । औरत नही चुडैल.. जैसे सच्चे मामले ( किसी की पूर्वजन्म की दौलत में चेतना उलझना ) मेरे अब तक के जीवन में 10 तो आये ही होंगे । ये कहानी लिखने से ठीक पहले मुझे पंजाब से फ़ोन आया था । तब मुझे पिछली घटनायें याद आ गयीं । फ़िर उसका दूसरा पहलू किसी गरीब या मजलूम की हाय भी था ।
प्रेत कहानियों के लिये मेरे पास बहुत माँग आती है । जिनमें बहुत से लोग किसी हारर फ़िल्म की तरह अति डरावनी वीभत्स और कामुक वर्णन युक्त कहानी की बात कहते हैं । लेकिन अब मैं सभी बातें मान सकता हूँ । पर कामुकता बिलकुल नहीं होगी । रोमांस हो सकता है । क्योंकि आप सभी जानते ही हैं । आपके इस ब्लाग पर लङकियों महिलाओं सभ्रांत लोगों की संख्या तेजी से बढी है । अतः पिछली कहानी आदि में इस तरह का जो थोङा सा वर्णन हो गया है । उसको मैं समय मिलते ही एडिट करके निकाल दूँगा । यही बात कुछ चित्र जो प्रकाशित हो गये हैं । उन्हें भी हटा दूँगा । ताकि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे ।
अब 1 बात और है । आपकी लिखी " ओमियो तारा " 1 अलग ही चीज थी । जो बातें उसमें लिखी थीं । ऐसी बातें तो हमने न कभी पढी । और न ही सुनीं । न ही देशी या विदेशी फ़िल्मो में देखी । पता नहीं किस कारणवश आप वो कहानी पूरी नही कर पाये ।
- ॐ और तारा यानी ओमियो तारा - योग की इतनी बङी उपलब्धि कि योगी खुद बृह्मांड में एक सत्ता सी बनाकर अपना ग्रह आदि बनाकर राज्य कायम कर ले । इसका चर्चित उदाहरण विश्वामित्र थे । कुंडलिनी में ॐ शक्ति को जागृत करके कुछ अन्य शक्तियाँ हासिल करके यह कार्य संभव होता है । और ये झूठ नहीं हैं । बल्कि ऐसे अनेकों खेल अखिल सृष्टि में बनते बिगङते रहते हैं ।
ओमियो तारा एक ऐसे ही योगी की सशक्त कहानी है । जो केन्द्रक और अणु परमाणु का नियंत्रण रहस्य आदि तो जान गया । और उसने एक अति विकसित सभ्यता वाला स्टार ( तारा ) भी बना लिया । लेकिन वह इन अणुओं को शरीर का आवरण कैसे पहनाये । ये नहीं जानता । इसके लिये वह प्रसून का अपहरण सा करना चाहता है । दूसरे वह प्रसून के बारे में जानकर । उसको अपने खास मंत्री के तौर पर भी रखना चाहता है । तीसरे वह अपने स्टार के लिये 4D स्पेस के द्वारा इंसानों को 4D मैटर में बदलकर बहुत से केन्द्रक और अणु परमाणु भी हासिल करना चाहता है आदि ।
ये कहानी 8 भाग लिखने के बाद शायद 4 महीने तक मैं भी 4D स्पेस में ही चला गया । और नेट भी डिसकनेक्ट रहा । वापसी पर सुश्री रूप कौर जी मुझे बेताबी से इंतजार करती मिलीं । और बंसल जी के पेंडिंग ई मेल का उत्तर यानी नई पोस्ट होते ही सवाल जबाब का सिलसिला शुरू हो गया । उन्हें भी इस कहानी का बेहद इंतजार है ।
ऐसा नहीं कि उसे लिखूँगा नहीं । पर एकाएक ई मेल और पाठक इस रफ़्तार से आये कि समय ही नहीं मिलता । जबकि ऐसा मैटर फ़ुरसत में ही लिखा जा सकता है । हालांकि मैं किसी भी तरह के मैटर में कल्पना का सहारा तो लेता ही नहीं । जो ताना बाना बुनना पङे । फ़िर भी खास मैटर के लिये मूड आवश्यक होता है । प्रश्नों के उत्तर देना सबसे आसान होता है ।
हम सबको आपसे हर महीने कम से कम 1 प्रेत कहानी जरूर चाहिये । पढने के लिये । आप ये मत समझना कि हम लोगो को भूत-प्रेतों में दिलचस्पी है ।
- 20 july गुरु पूर्णिमा उत्सव के बाद मेरे पास काफ़ी समय हुआ करेगा । तब तक 2 कहानियाँ प्रकाशित हो सकती हैं । जैसा कि आपने देखा । एकाएक अध्यात्म जिग्यासाओं वाले काफ़ी मेल आने लगे । तब मैंने लोगों की आँखें खोलने हेतु अनुराग सागर की अधिक से अधिक जानकारी एक साथ दे दी । इस तरह बहुत लोगों को पूछे अनपूछे उत्तर मिल गये । इसी से अन्य विषयों पर लिखना नहीं हो सका ।
शायद आपको प्रेत कहानियों वाली बात खास न लगती हो । आप तो अपने हिसाब से 1 जानकारी के तहत लेख लिख देते हैं । आपके लिये ये शायद आम बात होगी । लेकिन जिसको इस तरह की जानकारी नहीं है । न कभी सुनी । न पढी । और अनुभव तो दूर की बात है । उन लोगों के लिये तो ये आपकी प्रेत कहानियाँ खास से भी खास हैं ।
- द्वैत का कोई भी साधक कुंडलिनी योग या मंत्र शक्ति द्वारा ऊपर उठता है । तो पहले ही आसमान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रेत लोक । तांत्रिक लोक 1D और 2D सृष्टियाँ आदि मिलती हैं । ये बङे रोमांचक अनुभव होते हैं । यदि मुझे इस ग्यान के प्रचार का निमित्त आदेश न होता । तो मैं कभी इस प्रकार के बेमजा और फ़ालतू ब्लाग लिखने जैसा कार्य न करता । पर सत्ता के आदेश का पालन अनिवार्य है । आदेशित कार्य न करने पर साधक डिसमिस कर दिया जाता है ।
मुझे लगता है कि आपके जो अन्य पाठक हैं । सब प्रेत कहानियाँ पढते जरुर होंगे । लेकिन बस पढा । और भाग लिये । न कोई टिप्पणी । न कोई सुझाव ।
- अगर आप ब्लाग के आंतरिक भाग से परिचित हों । तो ब्लाग के डेशबोर्ड पर states या आंकङे एक आप्शन होता है । यह सभी जानकारी देता है । कौन सा लेख कितनी बार कब कब पढा गया । कौन से देश के लोग ब्लाग पर आ रहे हैं आदि आदि सभी जानकारी । अतः मुझे कमेंट आदि की परवाह कभी न रही । ये सच है । सभी मित्रों को प्रेत कहानियाँ अच्छी लगती हैं । महिलाओं को तो बहुत ज्यादा । लेकिन मैं सभी के ई मेल उनकी भावना अनुसार गोपनीय ही रखता हूँ ।
अब हमारे सभी फ़्रेन्डस पूछ रहें है कि आने वाली प्रेत कहानियाँ किस टापिक्स पर होंगी ? किस तरह की होंगी ?
- पंचागुली देवी । कर्ण पिशाचिनी । डायन । खतरनाक टायप के सिद्धों पर । आप लोगों की अधिक रुचि देखते हुये इनका स्तर बहुत अधिक बदला हुआ होगा । दूसरे कहानी को 20 लम्बे पार्ट में लिखने की कोशिश करूँगा । ताकि आप बार बार पढें । फ़िर भी मजा आये । जटिलता भी पहले से अधिक होगी । जैसे ओमियो तारा यकायक समझ में नहीं आती । 20 july के बाद एकदम 10 बङी कहानियाँ एक एक करके आपके सामने जल्दी जल्दी आयेंगी । मेरी इच्छा अन्य दुर्लभ विषयों पर भी लिखने की है । पर आपकी भूख बहुत ज्यादा है । और मेरे पास बहुत सीमित समय ।
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आने वाले दिनों में - श्रीमदभगवत गीता । तुलसी रामायण । बीजक इन पर भी आपको एक नये अन्दाज में जानकारी मिलेगी । शेष फ़िर कभी । आप सभी का आभार ।
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